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बैंगलोर

फीस नहीं तो ऑनलाइन क्लास नहीं, बच्चा समझा जाएगा ड्रॉपआउट

– अभिभावकों पर हर तरह से दबाव बना रहे शैक्षणिक संस्थान

बैंगलोरJul 01, 2020 / 10:35 am

Nikhil Kumar

Somewhere online classes are being conducted and you are being taught through YouTube videos

Somewhere online classes are being conducted and you are being taught through YouTube videos

बेंगलूरु. कई बच्चे ऑनलाइन क्लास के लिए लॉगइन नहीं कर पा रहे हैं तो कइयों को कक्षा से वंचित करने के संदेश आ रहे हैं। कई बच्चों और अभिभावकों के मोबाइल पर संदेश आ रहे हैं कि फीस नहीं तो ऑनलाइन क्लास नहीं, बच्चा ड्रॉपआउट समझा जाएगा।

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार के शिक्षण संस्थानों को फीस के लिए परेशान नहीं करने या इस शैक्षणिक सत्र के लिए फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश का कई शिक्षण संस्थान खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। अभिभावकों और विद्यार्थियों पर फीस के भुगतान के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

मल्लेशवरम स्थित एक जाने-माने एनिमेशन संस्थान के एक विद्यार्थी ने बताया कि डेढ़ वर्ष से बिना किसी देरी के लाखों रुपए की फीस भरते आ रहे हैं। लेकिन इस बार संस्थान एक से दो माह तक रुकने के लिए तैयार नहीं है। सोमवार शाम वाट्सऐप ग्रुप पर संदेश आया कि 48 घंटे में फीस जमा करें नहीं तो बच्चा ड्रॉपआउट माना जाएगा। विद्यार्थी ने बताया कि दो सप्ताह पहले संस्थान ने विशेष ऑनलाइन कक्षा आयोजित की थी। मोबाइल पर लॉगइन लिंक भेजा गया लेकिन साथ में यह संदेश भी था कि फीस का भुगतान कर चुके विद्यार्थी ही कक्षा में शामिल हो सकेंगे।

कई संस्थान तो सीधे बच्चों के मोबाइल पर ऐसे संदेश भेज रहे हैं। वो भी मनमाने तरीके से और किसी भी समय। एक अन्य अभिभावक ने बताया कि सोमवार रात परिवार खाने पर बैठा ही था कि मोबाइल पर कॉलेज प्रबंधन ने संदेश भेजा कि फीस जमा नहीं हुई तो ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने की इजाजत नहीं मिलेगी। शहर के एक बड़े स्कूल के एक विद्यार्थी के पिता ने बताया कि रोज की तरह बेटा ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने को तैयार हुआ। लेकिन लॉगइन नहीं कर सका। स्कूल से बात करने पर पता चला कि फीस जमा नहीं करने के कारण ऐसा किया गया है।

लोक शिक्षण विभाग के आयुक्त के. जी. जगदीश ने कहा कि स्कूल इस तरह से बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं रख सकते। जिन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ शिकायत मिली है, उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। अब तक 450 से ज्यादा स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। अ िाभावकों को चाहिए कि ऐसे संस्थानों के खिलाफ व लिखित शिकायत दें या फिर हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

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