बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव को सभी प्रशासनिक विभागों को ऐसा आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा आरोपों की पुष्टि करने वाले दस्तावेज होने पर ही किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच होगी।
इससे पहले कई अज्ञात लोग सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करते थे। लेकिन ऐसी शिकायतों के लिए कोई मानदंड नहीं होने के कारण ऐसी शिकायतों की विभागीय जांच करना अनिवार्य था। लेकिन अब ऐसी शिकायतों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। जिसके परिणाम स्वरूप अब कोई अज्ञात शख्स किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अपनी पहचान छिपाकर शिकायत नहीं दर्ज कर सकेगा।
सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी राहत
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से 2 अक्टूबर वर्ष 2019 में ऐसे निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत अब राज्य सरकार ने भी यह फैसला किया है। राज्य सरकार से इस फैसले से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी।