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बैंगलोर

उपचुनाव जीती भाजपा लेकिन आसान नहीं कर्नाटक में मंत्री परिषद का विस्तार

पांच पदों के लिए भाजपा में दर्जन भर से ज्यादा दावेदार

बैंगलोरDec 11, 2019 / 06:18 pm

Priyadarshan Sharma

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Bengaluru vidhansabha

बेंगलूरु. चार महीने पुरानी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के सामने अब मंत्री परिषद के विस्तार की कठिन चुनौती है। उपचुनाव खत्म होने के बाद अब विजेता ११ बागी विधायकों को मंत्री पद का इंतजार है तो भाजपा में भी मंत्री पद को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। पहले विस्तार में पद पाने से वंचित रहे नेता भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। दावेदारों की बढ़ती संख्या के साथ ही भाजपा और येडियूरप्पा की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।
येडियूरप्पा पहले ही वादे के मुताबिक उपचुनाव में जीते बागियों को मंत्री बनाने की बात दुहरा चुके हैं लेकिन भाजपा के लिए असली मुश्किल बाकी पांच पदों के लिए दावेदारों की संख्या से निपटना है। मंत्री परिषद के विस्तार में येडियूरप्पा के लिए विभिन्न समुदायों, जातियों और क्षेत्रीय आधार पर संतुलन भी साधना बड़ी चुनौती होगी। मौजूदा मंत्रिमंडल में पहले से ही 8 लिंगायत (सीएम सहित), ३ वोक्कालिगा, ३ अनुसूचित जाति, दो अन्य पिछड़ा वर्ग और एक-एक मंत्री अनुसूचित जनजाति एवं ब्राह्मण समुदाय से हैं। क्षेत्रीय आधार पर देखें तो बेंगलूरु शहर के ४, बेलगावी व शिवमोग्गा के २-२ मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में कुल 18 मंत्री हैं जबकि 16 पद अभी खाली हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा शुरू होते ही नव निर्वाचित विधायकों के साथ पुराने पार्टी विधायक भी मंगलवार को येडियूरप्पा से मिले और अपना दावा पेश किया। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाने से वंचित रहे आठ बार के विधायक उमेश कत्ती व छह बार के विधायक तिप्पारेड्डी दौड़ में आगे बताए जाते हैं। तिप्पारेड्डी समर्थकों ने चित्रदुर्गा में मंत्री बनाने की मांग लेकर प्रदर्शन भी किया। पिछली बार मंत्री पद पाने से वंचित रहे वरिष्ठ नेता उमेश कत्ती व एस.ए. रामदास ने मंगलवार को सुबह डालर्स कालोनी स्थित मुख्यमंत्री के निवास पर जाकर उनके साथ चर्चा की और मंत्री बनाने का अनुरोध किया। वरिष्ठ दलित नेता और सुल्या से लगातार छह बार विधायक बने एस. अंगारा भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं।
एक अन्य नेता अरविंद लिंबाबली भी मंत्री पद के दावेदार हैं। मुदिगेरे से विधायक एमपी कुमारस्वामी भी दावेदारी कर रहे हैं। उधर, येडियूरप्पा से मिलने के बाद केआरपेट के विधायक और पहली बार वोक्कालिगा बहुल मंड्या जिले में भाजपा का खाता खोलने वाले नारायण गौड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री जो निर्णय करेंगे, वह उन्हें मान्य होगा। वे जो भी देंगे उन्हें स्वीकार्य होगा। उन्होंने अपनी ओर से कोई मांग नहीं की है।
विभागों के लिए भी लॉबिंग
येडियूरप्पा के सामने महत्वपूर्ण विभागों का बंटवारा भी एक बड़ी चुनौती होगी। केआर पुरम के नव निर्वाचित विधायक बैरती बसवराज ने कहा कि उन्होंने बेंगलूरु विकास विभाग की मांग की है। बसवराज उपचुनाव में सबसे अधिक मतों से जीतने वाले उम्मीदवार रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि शहरी मामलों में उनकी विशेषज्ञता है। इसलिए यह विभाग उन्हें दिया जाए। लेकिन, उन्होंने कुछ वैकल्पिक विभाग भी सुझाए हैं। अब देखना मुख्यमंत्री क्या फैसला करते है। इस विभाग पर पार्टी के कई पूर्व विधायकों और वर्तमान मंत्रियों की भी नजर है।
येडियूरप्पा ने मंगलवार को होसकोटे से चुनाव हारने वाले एमटीबी नागराज से भी भेंट की और उन्हें उचित पद देने का आश्वासन दिया। सूत्रों के मुताबिक नागराज ने सीएम से शिकायत की कि भाजपा सांसद बीएन बच्चेगौड़ा ने अपने बेटे और बागी शरद बच्चेगौड़ा के समर्थन में काम किया जिससे उनकी हार हुई।

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