उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस में जीवन से जुझ रहे मरीजो के लिएप्रयोग किया जाता है और दूसरे वाहनों की तुलना में एम्बुलेंस की फिटनेस की अधिक जरूरत रहती है। एम्बुलेंस सडक़ों पर अक्सर तभी दिखती है जब उसमें कोई मरीज होता है, ऐसे में अन्य वाहनों की तरह इनकी जांच नहीं हो पाती है और इसी का फायदा उठाकर एम्बुलेंस मालिक वाहनों की फ ीटनेस सहीं करने पर कम ध्यान दे रहे हैं। परिवहन विभाग ने वाहनों के ऑटोमेटिक फिटनेस जांच के लिए नेलमंगला में सेंंटर स्थापित किया और शहर के सभी एम्बुलेंस को वहीं जाकर अपना फिटनेस जांच करवाना पड़ेगा और ऐसा नहीं करने पर एम्बुलेंस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
६3 केंद्रों की जमा राशि जब्त, ८४ को नोटिस
वर्तमान में शहर में ३७० सहित प्रदेश में कुल ८८२ प्रदूषण जांच केन्द्र हैं। इसमें प्रदेश सहित शहर के ८४ प्रदूषण जांच केन्द्रों में कई खामियां पाई गई हैं, जिसके बाद केंद्रों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है, वहीं अधिक खामियां पाए जाने पर ६३ केन्द्रों की जमा राशि जब्त कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते ६३ केन्द्रों की कुल ५ लाख ९९ हजार जमा राशी को जब्त किया है। इसके अलावा बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) के अनेक डिपों और कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम (केएसआरटीसी) से भी डिपों में प्रदूषण जांच केन्द्र हैं।
चार्जिंग प्वाइंट के लिए काम शीघ्र शुरू
वर्तमान में पूरे प्रदेश में ११ हजार ८०० और शहर में ६ हजार २४६ इलेक्ट्रिक वाहन हैं और आने वाले दिनों में शहर मेंं इलेक्ट्रिक से चालित वाहनों की संख्या में तीव्र वृद्धि की सम्भावना है। इसके अलावा केएसआरटी और बीएमटीसी भी अपने बेड़े में २०० इलेेक्ट्रिक बसों की शामिल करने की योजना बना रहे हैं, साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने के लिए सरकार ने भी ऐसे वाहनों पर किसी प्रकार का सीमा शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है।
ऐसे में आने वाले दिनों में शहर में ऐसे वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी होती और इसकी ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग शहर के विभिन्न क्षेत्रों में वाहनों को चार्जिंग प्वाइंट लगाने की योजना शीघ्र शुरू करेगा। इसके लिए परिवहन विभाग कार्ययोजना पर काम कर रहा है और शीघ्रही स्थानों पर चिह्नित कर काम शुरु किया जाएगा।
फरवरी से आईएसआई मार्क हेलमेट भी अनिवार्य
परिवहन आयुक्त दयानंद ने कहा कि कोर्ट के आदेश आने के बाद पूरे प्रदेश में एक फरवरी से आईएसआई मॉर्क का हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया और वाहन चालक और सहसवार दोनों के लिए अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने यह निर्णय चालकों और सहसवारों के लिए सुरक्षित हेलमेट पहनने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह नियम गांवों सहित पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात पर निराशा जाहिर किया कि बेंगलूरु और मैसूरु को छोडक़र प्रदेश के दूसरे बड़े शहरों में इस प्रकार के नियम का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है, लेकिन एक फरवरी से प्रदेश के सभी शहरों में इस प्रकार के नियम को पालने के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस बड़े पैमाने परअभियान चलाएगी।
नकली हेलमेट बेचने वालों पर होगी कार्रवाई
शहर में विभिन्न स्थानों पर फुटपाथों पर नकली आईएसआई मॉर्क वाले हेलमेट को बेचे जा रहे हैं। ऐसें में इस प्रकार के हेलमेट पर अंकुशल गाने के लिए परिवहन विभाग इन सभी दुकानों के खिलाफ अभियान चलाएगा। वर्ष-२०१६-१७ के दौरान कुल १४ लाख वाहनों की जांच कर १.८९ के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं और इनसे रिकॉर्ड १०२ करोड़ रुपएका जुर्माना वसूल किया गया है।