हालांकि, अभी यह सुविधा एयर एशिया और स्पाइस जेट विमानों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए ही हैं। इसके लिए 16 पूर्ण स्वचालित ‘सेल्फ बैग ड्रॉप मशीन’ लगाई गई हैं। इससे बैगेज जांच प्रकिया की लंबी कतारें नहीं लगेंगी और यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। इस मशीन का उपयोग यात्री दो चरणों में करेंगे। पहले उन्हें अपना बोर्डिंग पास और इजी-टैग (बैग-टैग) प्रिंट करना होगा।
इसके बाद बैग ड्रॉप मशीन के पास जाकर बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा। इसके बाद बैग ड्रॉप मशीन में बैग डालते ही उसका वजन और स्कैनिंग आदि हो जाएगा और वह स्वत: बैगेज हैंडलिंग सिस्टम में चला जाएगा।
हवाई अड्डे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 32 ऐसे नए और सेल्फ चेक-इन कियोस्क लगाए जाएंगे जिससे बोर्डिंग पास और बैग-टैग प्रिंट किए जा सकेंगे। ये कियोस्क विशेष रूप से बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं।
अगर किसी यात्री के बैग का वजन तय सीमा से अधिक है तो उसे एक हाइब्रिड काउंटर के जरिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने एवं भुगतान के निर्देश मिल जाएंगे। हालांकि, अतिरिक्त सामान होने पर भुगतान प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए मशीनों की उन्नयन प्रक्रियाएं आगे पूरी की जाएंगी। इन कियोस्क के लगने से न सिर्फ यात्रियों की चेकिंग प्रक्रिया तीव्र हो जाएगी और समय की बचत होगी बल्कि एयरलाइन अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती भी कर सकेंगे।
देश में हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर यह तकनीक काफी उपयोगी साबित होगी। अगले साल अप्रेल से हवाई अड्डे पर कागजविहीन चेक-इन व्यवस्था लागू होगी।