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बैंगलोर

अब नहीं जाएगी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री की कुर्सी, जानिए क्यों ?

सवदी अभी विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे

बैंगलोरFeb 18, 2020 / 07:36 pm

Priyadarshan Sharma

अब नहीं जाएगी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री की कुर्सी, जानिए क्यों ?

अब नहीं जाएगी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री की कुर्सी, जानिए क्यों ?

बेंगलूरु. उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी सोमवार को हुए उपचुनाव में विधानमंडल के ऊपरी सदन विधान परिषद के लिए निर्वाचित हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक कुल १२० विधायकों ने मतदान किया जिसमें से सात सदस्यों के मत निरस्त हो गए। सवदी के ११३ मत मिले।
सवदी के खिलाफ उतरे एकमात्र उम्मीदवार के अंतिम क्षणें में मैदान से हटने की घोषणा के बाद चुनाव सिर्फ औपचारिकता रह गई थी। पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर जद-एस नेता व पूर्व मंत्री जीटी देवगौड़ा ने सवदी के पक्ष में मतदान किया।
विपक्ष ने किया मतदान का बहिष्कार
विधानसौधा में कमरा संख्या 106 में मतदान की व्यवस्था की गई थी। सुबह 8 बजे मतदान शुरु होते ही भाजपा के विधायकों ने कतारबद्ध होकर मतदान किया। इस चुनाव के लिए भाजपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस व जद-एस ने सोमवार को हुए मतदान का बहिष्कार किया। दोनों पार्टियों के समर्थित उम्मीदवार अनिल कुमार के अंतिम क्षणों में मैदान से हटने के बाद कांग्रेस और जद-एस ने मतदान से दूर रहने का निर्णय किया था। कांग्रेस के सभी विधायकों ने मतदान नहीं किया लेकिन जद-एस के विधायक जीटी देवगौड़ा ने मतदान किया।
पर्यटन मंत्री सीटी रवि के साथ विधानसौधा स्थित मतदान केंद्र पहुंचे देवगौड़ा ने मतदान करने के बाद पास में ही मौजूद मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा और सवदी से मुलाकात की। बाद में देवगौड़ा ने कहा कि पार्टी ने उन्हें किसे वोट देने के बारे में कोर्इ निर्देश नहीं दिया था, इसलिए उन्होंने सवदी के पक्ष में मतदान किया। देवगौड़ा के अलावा बसपा के एन महेश और निर्दलीय शरत बच्चेगौड़ा, एच नागेश ने भी सवदी के पक्ष में मत दिया। हालांकि, भाजपा के एसए रामदास ने मतदान नहीं किया। पूर्व मंत्री रामदास की कुछ दिन ही एंजियोप्लास्टी हुई है।
 

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जीत से मंत्री बने रहने का रास्ता साफ
सवदी अभी विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे। पिछले विधानसभा चुनाव में वे बेलगावी जिले के अथणी से चुनाव हार गए थे लेकिन उन्हें येडियूरप्पा सरकार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया था। २० अगस्त २०१९ को मंत्री बने सवदी के लिए संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक १९ फरवरी को छह महीने पूरे होने से पहले किसी सदन का सदस्य चुना जाना आवश्यक था। विधान सभा से विधान परिषद की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत के बाद सवदी के मंत्रिमंडल में बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस के रिजवान अरशद के पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा उपचुनाव में चुने जाने के कारण यह सीट रिक्त हुई थी। अरशद के बचे हुए ४ वर्ष तीन माह के कार्यकाल तक लक्ष्मण सवदी विधान परिषद के सदस्य रहेंगे।

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