फिर आई संकटमोचक शिवकुमार पर जिम्मेदारी
भाजपा के ऑपरेशन कमल से बचाने की खुली छूट
फिर आई संकटमोचक शिवकुमार पर जिम्मेदारी
बेंगलूरु. भारतीय जनता पार्टी के कथित ऑपरेशन कमल से कांग्रेस नेताओं को बचाने की जिम्मेदारी फिर एक बार पार्टी के ‘संकटमोचक’ वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार के कंधों पर आ गई है। प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी को कई बार संकट से उबारने वाले शिवकुमार से कहा है कि सात महीने पुरानी इस सरकार की सुरक्षा अब वहीं करें।
प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक यहां सोमवार को एक होटल में हुई जिसमें भाजपा की चाल को कुंद करने के लिए शिवकुमार को आगे करने पर सहमति बनी। हालांकि, पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह बैठक बजट पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें शिवकुमार को भाजपा से निपटने की खुली छूट दी गई। अब वे पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं की सूची तैयार कर उन्हें भाजपा से बचाने की रणनीति बनाएंगे। इससे पहले डीके शिवकुमार ने कहा था कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ऑपरेशन कमल पर चुप्पी साधे हुए हैं और भगवा पार्टी की सच्चाई उजागर करने से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही भाजपा के प्रति सबकुछ जानते हुए भी मुख्यमंत्री ‘उदारÓ रवैया अपनाए हुए हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव को भी सबकुछ पता है लेकिन वे भी कुछ नहीं कर रहे हैं। शिवकुमार के इस चौंकाने वाले बयान के बाद पार्टी सतर्क हो गई। इसके बाद सुबह नाश्ता बैठक बुलाई गई जिसमें विधायकों को संभालने का जिम्मा उन्हें सौंपा गया।
बैठक के बाद शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के कौन-कौन से विधायक मुंबई या दिल्ली गए हैं उनके बारे में पूरी जानकारी सही समय पर और उचित जवाब के साथ सामने लाई जाएगी। उन्हें भी पता है कि यह राजनीति कैसे और किस तरह से की जाती है। उन्हें भी पता है कि ऑपरेशन कमल चला रही भाजपा के लिए यह दावं कैसे उलटना है। दरअसल, डीके शिवकुमार ने कई बार कांग्रेस को संकट से उबारा है। पिछले ही वर्ष गुजरात में राज्य सभा चुनावों के दौरान जब कांग्रेस सांसदों के टूटने का खतरा उत्पन्न हुआ तो डीके शिवकुमार ने बेंगलूरु में उनकी मेजबानी कर अहमद पटेल की जीत सुनिश्चित की।