जयनगर में धर्म जागरण रविवारीय शिविर का आयोजन
जयनगर में धर्म जागरण रविवारीय शिविर का आयोजन
बेंगलूरु. राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट एवं धर्मनाथ जैन मंदिर परिसर में आचार्य देवेंद्रसागर सूरी व मुनि महापद्मसागर की निश्रा में समग्र संप्रदायों के हजारों जैन परिवारों में आत्मजागरण, धर्म जागरण एवं संघ जागरण की अभिवृद्धि के लिए रविवारीय शिविर का आयोजन हुआ। शिविर के प्रारंभ में दीप प्रागट्य नितिन कुमार एवं संघ के पदाधिकारी चंद्रकुमार, रूपचंद, हीरालाल, भूरमल के हाथों हुआ। शिविर का लाभ नितिनकुमार, नरेन्द्रकुमार परिवार ने लिया। इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि मूर्ख यानी वह व्यक्ति जिसे अच्छे-बुरे, अपने-पराए या दोस्त-दुश्मन का फर्क मालूम नहीं होता। उसे मूर्ख समझ सकते हैं। हालांकि मूर्ख और भी कई प्रकार के होते हैं बस उनकी पहचान करना याद होना चाहिए। यदि आप किसी मूर्ख के सामने कोई गुप्त बात कहेंगे तो जाने-अनजाने में वह किसी को भी वह बात बता सकता है या उससे कोई भी गुप्त बातें आसानी से उगलाई जा सकती हैं। इसलिए मूर्ख व्यक्ति के सामने कभी कोई गुप्त बात नहीं करनी चाहिए, वर्ना आप मुसिबत में फंस सकते हैं। बहुत से लोग क्रोधी होते हैं और बहुत से लोगों में उन्माद के लक्षण होते हैं। उन्माद को पागलपन मान सकते हैं, लेकिन ये पागल नहीं होते। ऐसे लोगों की पहचान करना जरूरी है। कभ ये अति उत्साही होते हैं और कभी निराश। ये लोग बिना कारण कुछ भी कर बैठते हैं। ऐसे लोगों के सामने कभी कोई गुप्त बात नहीं करना चाहिए। अंत में मुनि महापद्मसागर ने कहा कि चिकित्सक के अलावा किसी अन्य को अपने अंतर के जख्म अपने दु:ख दर्द व्यथाएं मत दिखाइए दूसरे केवल अपना मजाक ही बनाकर रह जाएंगे।
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