माता-पिता का पहला कर्तव्य बनता है कि अपने बच्चों को नैतिकता का पाठ सिखाएं। आज के युग में बच्चों को आवश्यकता से अधिक पैसा देना, क़ीमती मोबाइल दिलाना और अधिक आत्मविश्वास बच्चों को बिगाड़ देता है। सादा जीवन और उच्च विचार जीवन को संस्कारी बनाता है। हमें संस्कार और सभ्यता को जीवित रखना है। जीवन में परिस्थिति कैसी भी हो अनुकूल या प्रतिकूल हमें धैर्य रखना चाहिए। बच्चों को सहनशीलता के संस्कार देकर धर्म के मार्ग पर प्रोत्साहित करना चाहिए।
रविवार से अनुपूर्वी का अखंड जाप आयोजन दोपहर 2 से 4 बजे तक हुआ। आयंबिल एवं एकासन की लड़ी गतिमान है। संघ अध्यक्ष भंवरीलाल चोरडिय़ा ने आभार व्यक्त किया।