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बैंगलोर

दिखावे की अंधी होड़ में बह रहे लोग : देेवेंद्रसागर

कुडलूगेट स्थित अपार्टमेंट में धर्मसभा

बैंगलोरJan 21, 2020 / 03:11 pm

Ram Naresh Gautam

दिखावे की अंधी होड़ में बह रहे लोग : देेवेंद्रसागर

दिखावे की अंधी होड़ में बह रहे लोग : देेवेंद्रसागर

बेंगलूरु. आचार्य देवेंद्रसागर विहार करते हुए कुडलुगेट पूर्वांकरा अपार्टमेंट पहुंचे। धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि देश के लोग पाश्चात्य संस्कृति की नकल करने लगे हैं।

यही वजह है कि जो विकृति भारत में अंग्रेजों के 200 साल के शासन के दौरान नहीं आई वह आजादी के बाद 72 साल में ही देखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में मंदिरों में भीड़ ज्यादा बढ़ गई है। यही नहीं बढ़ चढ़कर आध्यात्मिक आयोजन भी हो रहे हैं, इससे मानवता भी बढऩी चाहिए, लेकिन यह इसके विपरीत हो रहा है। परिवार की एकता टूट रही है, राष्ट्रप्रेम की भावना धूमिल हो रही है।
यह सब पश्चिमी सभ्यता की नकल के कारण हो रहा है। लोग यथार्थ से हट कर दिखावे में भटक रहे हैं। आचार्य ने कहा कि भारतीय संस्कार पांच तत्वों के मेल से बना है।
जिसमें भोजन, भेष, भाषा, भाव व भक्ति शामिल है। इनका सात्विक संतुलन ही मनुष्य को संस्कारवान बनाता है। जब ये सारे गुण एक साथ मिल जाते हैं, तो वह अध्यात्म बन जाता है, जो भारतीय संस्कृति व सभ्यता का आधार है।
जब तक पांचों तत्व मनुष्य के गुण में नहीं आएंगे, तब तक वह कितने भी आध्यात्मिक आयोजन कर ले, हर दिन मंदिर क्यों न जाएं, उसमें बदलाव नहीं आ सकता।

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