scriptमैसूरु में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे पीएम | PM will participate in the program organized on International Yoga Day | Patrika News
बैंगलोर

मैसूरु में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे पीएम

हर साल 21 जून को आईडीवाई के तौर पर मनाया जाता है। आयुष सचिव राजेश कुमार कोटेचा ने मुख्य सचिव पी. रवि कुमार को पत्र लिखकर मैसूरु में होने वाले आईडीवाई कार्यक्रम में मोदी के शामिल होने की जानकारी दी है। पत्र में राज्य सरकार से कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को भी कहा गया है।

बैंगलोरMay 22, 2022 / 12:40 am

Sanjay Kumar Kareer

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बेंगलूरु. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) पर मैसूरु में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। मैसूरु के उपायुक्त बी.गौतम ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि हर साल 21 जून को आईडीवाई के तौर पर मनाया जाता है। आयुष सचिव राजेश कुमार कोटेचा ने मुख्य सचिव पी. रवि कुमार को पत्र लिखकर मैसूरु में होने वाले आईडीवाई कार्यक्रम में मोदी के शामिल होने की जानकारी दी है। पत्र में राज्य सरकार से कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को भी कहा गया है।
आयुष अधिकारियों ने अप्रैल में मैसूरु में एक आईडीवाई आयोजित करने के लिए मैसूर पैलेस, दशहरा प्रदर्शनी मैदान और मैसूर रेस कोर्स का निरीक्षण किया था।

स्थानीय सांसद प्रताप सिम्हा ने इस मौके पर मोदी से मैसूरु आने की अपील की थी। कविता गर्ग, रामचंद्र और अन्य अधिकारियों ने सुविधाओं, द्वारों की संख्या, बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा पहलुओं का निरीक्षण और समीक्षा की थी।
पाठ्यपुस्तकों में बदलाव पर साहित्यकारों की आपत्ति, लिखा सीएम को पत्र

बेंगलूरु. शिक्षाविदों से सलाह किए बगैर पाठ्यपुस्तकों में किए जा रहे बदलावों के एकपक्षीय फैसले पर आपत्ति दर्ज करते हुए साहित्यकारों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पाठ्यपुस्तक किसी एक विचारधारा का प्रचार-प्रसार का माध्यम नहीं है। यह एक संवेदनशील मामला होने के कारण पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करने से पहले शिक्षाविदों के साथ संवाद करना राज्य सरकार का प्रशासनिक दायित्व है। लेकिन राज्य सरकार अपना दायित्व भूल कर मनमानी कर रही है। राज्य सरकार को लिखे गए पत्र पर साहित्यकार मरलु सिद्धप्पा, बंजिगेरे जयप्रकाश, डॉ राजेंद्र, रहमत तरिकेरे, दिनेश अमिन मट्टू, निरंजन आराध्य समेत 83 साहित्यकारों ने हस्ताक्षर कर आनन-फानन किए गए बदलाव तुरंत निरस्त करने की मांग की है।
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