स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त के. वी. त्रिलोक चंद्र ने बताया कि बच्चों के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच अभियान चलाया गया है। अभी तक करीब 30 लाख बच्चों की जांच हुई है। बच्चों को निमोनिया (pneumonia) से बचाने के लिए विभाग जल्द ही न्यूमोकोकल कंजुगेट टीकाकरण अभियान चलाएगा। संभावित तीसरी लहर के दौरान बच्चों के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर बच्चों को सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआइ) और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस यानी आइएलआइ के लिए भी जांचा जा रहा है।
महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. वी. रवि ने बताया कि तापमान गिरने से एक साथ कई वायरस सक्रिय हो जाते हैं। बच्चों को इन्हीं परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार सर्दी का मौसम ज्यादा परेशान कर सकता है। कोविड से जुड़ी पाबंदियों का सख्ती से पालन हो तो कोविड सहित अन्य कई संक्रमण से बचा जा सकता है। बच्चों पर विशेष ध्यान की जरूरत है।
चिंता या भ्रम नहीं होना चाहिए
बच्चों में आइएलआइ व वायरल बुखार के हर मामले को कोविड से जोडऩे से असमंजस की स्थिति पैदा होगी। बच्चे हर वर्ष फ्लू का सामना करते हैं। मानसून व सर्दियों के बीच तापमान में उतार-चढ़ाव इसका मुख्य कारण है। इससे चिंता या भ्रम नहीं होना चाहिए क्योंकि बच्चों में देखा जा रहा संक्रमण गैर-कोविड है। हालांकि, हमें अभी भी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि कोरोना वायरस अभी तक नहीं गया है और अक्टूबर-नवंबर में तीसरी लहर आने की उम्मीद है।
– डॉ. एम. के. सुदर्शन, अध्यक्ष, कोविड तकनीकी सलाहकार समिति