scriptसियासी ‘शतरंज’ में फंसा प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद | Post of the Chairman State Public Service Commission stuck in Chess | Patrika News
बैंगलोर

सियासी ‘शतरंज’ में फंसा प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद

हर राजनीतिक दल चाहता है कि इस पद पर उसके पसंदीदा व्यक्ति रहें। राजनेताओं के शह और मात के खेल में आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों का चयन संभव नहीं हो रहा है।

बैंगलोरAug 10, 2019 / 04:51 pm

Ram Naresh Gautam

KPSC

सियासी ‘शतरंज’ में फंसा प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद

बेंगलूरु. कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) के अध्यक्ष तथा सदस्यों के 4 पद गत आठ माह से रिक्त होने से कामकाज मंथर गति से चल रहा है।

विभिन्न विभागों में नियुक्तियों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरे हुए दो साल गुजरने के बाद भी चयनित प्रत्याशियों को नियुक्ति का आदेश नहीं मिल रहा है।
गत सात वर्ष से केपीएससी की कार्यशैली को लेकर सरकार को घेरनेवाली भाजपा अब सत्ता में पहुंची है। ऐसे में इस सरकार के सामने आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों के चयन की चुनौती है।
हर राजनीतिक दल चाहता है कि इस पद पर उसके पसंदीदा व्यक्ति रहें। राजनेताओं के शह और मात के खेल में आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों का चयन संभव नहीं हो रहा है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री सुरेश कुमार ने जुलाई में कर्नाटक लोकसेवा आयोग के कार्यालय उद्योगसौधा के सामने प्रत्याशियों के साथ भूख हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया था।
इस दौरान आयोग के सचिव से लिखित आश्वासन मिलने के पश्चात प्रदर्शन वापस लिया गया था।

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शाम भट 8 दिसम्बर 2018 में आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। उसके किसी का इस पद पर चयन नहीं किया गया है।

अभी भी आयोग प्रभारी अध्यक्ष के हवाले
मौजूदा समय में आयोग का कामकाज प्रभारी अध्यक्ष एसपी षडाक्षरी स्वामी देख रहे हैं। सदस्यों के 4 पद भी रिक्त होने से आयोग का का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
सैकड़ों प्रत्याशियों के सब्र का बांध टूट रहा है। आए दिन आयोग के कार्यालय के सामने धरना, प्रदर्शन होते रहते हैं।

अपनी डफली, अपना राग
गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आइएएस अधिकारी करिगौड़ा केपीएससी अध्यक्ष नियुक्त करने के की मंशा जाहिर की थी, लेकिन कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या इसके प्रभारी अध्यक्ष एसपी षडाक्षरी स्वामी को ही नियुक्त करने की वकालत करने लगे।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने आयोग के सदस्य रघुनंदन रामण्णा को अध्यक्ष बनाने के लिए गोटियां बिछाईं।

दिग्गज राजनेताओं के बीच सहमति नहीं बनने से गठबंधन सरकार के कार्यकाल में केपीएससी को स्थायी अध्यक्ष नसीब नहीं हुआ।

क्या चाहते हैं प्रत्याशी
लिखिल परीक्षा तथा साक्षात्कार देकर विभिन्न पदों के लिए चयनित सैकड़ों प्रत्याशी चाहते हैं कि शीघ्र दक्ष तथा स्थायी अध्यक्ष का चयन हो।

नियमों के अनुसार प्रति वर्ष विभिन्न प्रशासनिक विभागों में रिक्त पदों के लिए नियुक्तियां की जाएं। वर्ष 1998, 1999 तथा वर्ष 2004 की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर शीर्ष अदालत तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसलों के तहत आदेश जारी हो।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के वर्ष 2011 की नियुक्तियों को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं। प्रथम श्रेणी तथा द्वितीय श्रेणी के लिपिकों के रिक्त पदों के लिए नियुक्ति जल्द पूरी हो।


होटा समिति की सिफारिशें ठंडेे बस्ते में
केपीएससी में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पीसी होटा समिति का गठन किया गया था। समिति की सिफारिशें आज भी ठंडे बस्तें में हैं।
इनके क्रियान्वयन के लिए 2013 से 2018 तक सिद्धरामय्या के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कोई प्रयास नहीं किए। 14 माह में कांग्रेस व ज-एस गठबंधन सरकार में भी सिफारिशों पर ध्यान नहीं दिया गया था।
आयोग के मौजूदा हालात
अभी एसपी षडाक्षरी स्वामी लोकसेवा आयोग के प्रभारी अध्यक्ष हैं। रघुनंदन रामण्णा, चंद्रकांत शिवकेरी, एचएस दुगप्पा, डॉ. एच. रविकुमार, श्रीकांत राव, लक्ष्मीनरसय्या, डॉ. अनिल फर्नांडिस तथा डॉ आर. लक्ष्मीनारायण आयोग के सदस्य हंै।
आयोग में 12 सदस्य का प्रावधान है। भाजपा नेता एस. सुरेशकुमार के अनुसार केपीएससी अध्यक्ष तथा सदस्यों के चयन के मामले को सरकार वरीयता देगी।

मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा को आयोग के मौजूदा हालांतों से अवगत करवाया है। इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा ‘अधूरे’ आयोग के कारण सरकारी कर्मचारियों की नियुक्तियां समय पर नहीं हो रही हैं।
परिणामस्वरूप विभिन्न प्रशासनिक विभागों में कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है।

Home / Bangalore / सियासी ‘शतरंज’ में फंसा प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो