पाश्र्व जन्मकल्याण महाभिषेक की तैयारियां
30-31 दिसम्बर को होने वाले 23 लाख महाभिषेक के संबंध में बैठक संपन्न
पाश्र्व जन्मकल्याण महाभिषेक की तैयारियां
बेंगलूरु. शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जैन संघ राजाजीनगर के आराधना भवन में आचार्य मुक्ति सागर सूरी की निश्रा में आगामी 30-31 दिसम्बर को होने वाले 23 लाख महाभिषेक के संबंध में बैठक संपन्न हुई। मीडिया प्रभारी देवराज के. जैन ने बताया कि बैठक में उत्तमकरण संचेती, जीवराज, नरपतराज सोलंकी, नीलमभाई सेठ, विजयराज राय गांधी, सुरेशभाई बंदा मुथा आदि ने महाभिषेक के संबंध में चर्चा की। यह आयोजन बसवनगुड़ी के नेशनल ग्राउंड में होगा। आयोजन की तैयारियां चल रही है।
मोक्ष के आराधक थे आचार्य भिक्षु
केजीएफ. मुनि सुव्रत कुमार, मुनि मंगलप्रकाश के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु का २१६वां चरमहोत्सव मनाया गया। प्रारंभ में चम्पालाल ने सुमधुर गीतिका पेश की। मुनि सुव्रतकुमार ने कहा कि आचार्य भिक्षु मोक्ष के आराधक व महान साधक थे।
मुनि वृन्द ने आचार्य भिक्षु के प्रति श्रद्धा पूर्ण भावो से बहुत ही सुंदर गीत प्रस्तुत कर अपने आराध्य को याद किया। सभा के मंत्री सोहनलाल बांठिया, संतोषलाल बांठिया, अध्यक्ष कांता सेठिया, मंत्री भंवरीबाई हिंगड़, उपाध्यक्ष प्रिया बांठिया ने भिक्षु स्वामी के बारे में भावना व्यक्त की। धम्म जागरण में मुनि सुव्रतकुमार ने गीत पेश कर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अपना कर्तव्य निभाना जानती है नारी
बेंगलूरु. विजयनगर स्थानक में साध्वी मणिप्रभा ने कहा कि धन के लिए लक्ष्मी की पूजा की जाती है। विद्या के लिए सरस्वती को पूजा जाता है । शक्ति के लिए दुर्गा को पूजा जाता है क्येांकि नारी के अंदर वात्सल्य होता है, करुणा होती है। वह समय समय पर अपना कर्तव्य निभाना जानती है। उन्होंने कहा कि नारी सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक सभी क्षेत्रों में बड़ी सफलता के साथ काम कर रही है। साध्वी ऋजुता ने कहा कि तप की चर्चा करें और प्रभु महावीर का नाम याद आता है, प्रभु महावीर की दीक्षा के समय में भी वह बेले की तपश्चर्या में रत थे। निर्वाण के समय में भी वह बेले की तपस्या में थे।
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