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बैंगलोर

अगले शिक्षा वर्ष से सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने का प्रस्ताव

आरटीइ के कारण सरकारी स्कूल बंद होने के कगार पर
राज्य में आरटीइ निरस्त करने का प्रस्ताव
हर साल करती है निजी स्कूलों को 400 करोड़ का भुगतान

बैंगलोरSep 30, 2018 / 08:27 pm

Ram Naresh Gautam

education

अगले शिक्षा वर्ष से सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने का प्रस्ताव

बेंगलूरु. राज्य सरकार ने अगले शिक्षा वर्ष से ही सरकारी अंग्रेजी माध्यम की स्कूल शुरु करने के साथ शिक्षा का अधिकार (आरटीई) निरस्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने का फैसला किया है। सार्वजनिक शिक्षा विभाग के मुताबिक पहले चरण में राज्य में एक हजार पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
हाल में बीबीएमपी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी ने निजी क्षेत्र के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के कारण देहातों में सरकारी स्कूल बंद होने पर चिंता जताते हुए कहा था की अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की मांग बढ़ रही है। इसे पूरी करने के लिए सरकारी की ओर से ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित करने की योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। सार्वजनिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव डॉ शालिनी रजनीश के मुताबिक शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत राज्य सरकार निजी स्कूलों को 400 करोड़ रुपए शिक्षा शुल्क का भुगतान कर रही है। इस राशि का उपयोग सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की स्थापना के लिए किया जाएगा।
शिक्षा का अधिकारकानून जारी होने के पश्चात गत चार वर्षों में 4 लाख 50 हजार विद्यार्थियों ने सरकारी कन्नड़ माध्यम की स्कूल छोड़ कर निजी क्षेत्र के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में दाखिला लिया है। इन विद्यार्थियों के शिक्षा शुल्क का भुगतान राज्य सरकार को करना पड रहा है। शिक्षा के अधिकार के कानून का असर सरकारी स्कूलों पर हो रहा है। प्रति वर्ष सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। ऐसे में देहातों के सरकारी स्कूल बंद करने की नौबत आ रही है।
गांवों के अभिभावक भी चाहते है कि उनके बच्चों को भी गुणात्मक अंग्रेजी माध्यम शिक्षा मिले क्योंकि ऐसी शिक्षा के अभाव में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी निजी क्षेत्र के स्कूलों के विद्यार्थियों से लगातार पिछड़ रहे हैं। प्रतियोगिता की इस होड़ में इस खामी को दूर करने के लिए अभिभावकों की मांग के आधार पर सरकार ने देहातों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित करने का फैसला किया है। आरटीई शुल्क के भुगतान की राशि का उपयोग सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर बढ़ान में किया जाएगा। शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य में पहली कक्षा से चौथी कक्षा तक के 43,712 प्राथमिक तथा पांचवीं कक्षा से सातवीं कक्षा के 4,681 माध्यमिक स्कूल हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक 44,57,535 विद्यार्थी है।

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