scriptजालहल्ली क्रास से निजी बसों के गुजरने पर रोक का विरोध | Protests against the passage of private buses from Jalhalli Cross | Patrika News
बैंगलोर

जालहल्ली क्रास से निजी बसों के गुजरने पर रोक का विरोध

साथ ही चेताया गया है कि यदि प्रतिबंध नहीं हटा तो राजधानी में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा

बैंगलोरJun 06, 2018 / 05:38 pm

Ram Naresh Gautam

bangalore

जालहल्ली क्रास से निजी बसों के गुजरने पर रोक का विरोध

बेंगलूरु. निजी बसों के मालिक और चालकों ने तुमकूरु रोड के जालहल्ली क्रास से निजी बसों के परिचालन पर पुलिस प्रशासन की रोक के विरोध में आवाज बुलंद कर दी है। साथ ही चेताया गया है कि यदि प्रतिबंध नहीं हटा तो राजधानी में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। कर्नाटक राज्य बस मालिक संघ के अध्यक्ष राजदाव र्मा बल्ला ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस प्रशासन के इस आदेश का स्वयं कई पुलिस अधिकारियों ने विरोध किया है। पुलिस ने बेंगलूरु से नेलमंगला मार्ग पर विभिन्न शहरों को जाने वाले निजी, अनुबंधित और कैरेज बसों को जालाहल्ली क्रास के बजाय गोरागुन्टेपाल्या के फ्लाईओवर का इस्तेमाल करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंंने कहा कि इस तरह की कोई शर्त या प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते हैं।
निगम को नुकसान के कारण प्रतिबंध
केएसआरटीसी की 60 बसें पीनिया बसवेश्वर बस अड्डे से, केंपेगौड़ा बस अड्डे से 980 बसें परिचालित होती हंै। ये सभी जालहल्ली क्रास से गुजरती हैं। सरकारी बसों के वहां पहुंचने से पहले ही निजी बसों के चालक यात्रियों को सवार करा लेते हैं। जिससे केएसआरटीसी को हर माह लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। निगम के प्रबंध निदेशक उमाशंकर ने जालहल्ली क्रास पर यातायात जाम और निजी बसों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से शहर पुलिस आयुक्त से सहयोग की अपील की थी।
एक वकील अयूब अहमद खान ने बताया कि हर एक व्यक्ति को अपना वाहन टोल के जरिए या टोल के बैगर ले जाने का फैसला लेने का अधिकार है। दूसरी तरफ निजी बस मालिक संघ ने भी घोषणा की है कि केएसआरटीसी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ चर्चा कर निजी बसों को टोल से रियायत दी तो वह फ्लाईओवर का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हंै। यशवंतपुर से लेकर जालाहल्ली क्रास तक आठ से दस निजी ट्रैवल एजेंसियां हैं। उनके यात्री अकसर जालहल्ली क्रास से ही सवार होते हैं। हर दिन निजी बसों के जरिए 8 से 10 हजार यात्री सफर करते हैं।
मानवाधिकार आयोग भी आया बीच में
दूसरी तरफ राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मेजेस्टिक क्षेत्र के चारों तरफ होने वाली यातायात संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए निजी बसों को मेजेस्टिक क्षेत्र से दूर रखने की सलाह दी है। निजी बसों के कारण प्रदूषण भी अधिक होने लगा है। केएसआरटीसी ने मेजेस्टिक क्षेत्र की कई बसों को पीनिया बसवेश्वर बस अड्डा स्थानांतरित करने पर यात्रियों ने इसका विरोध किया है। उसी कारण अधिकांश बसें अब भी मेजेस्टिक से चलती हैं केएसआरटीसी ने परिवहन विभाग को निजी बसों को शहर से बाहर रखने का अनुरोध किया है।
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