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बैंगलोर

भारी वर्षा के अलर्ट से पूर्व रेलवे अलर्ट मोड में

प्रदेश में मानसून की संभावना को देखते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे सक्रिय हो गया है। रेलवे ने आगामी मानसून के मद्द्ेनजर आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू किया है।

बैंगलोरJun 08, 2024 / 07:26 pm

Yogesh Sharma

बरसात शुरू होने से पूर्व किए सुरक्षात्मक इंतजाम

बेंगलूरु. प्रदेश में मानसून की संभावना को देखते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे सक्रिय हो गया है। रेलवे ने आगामी मानसून के मद्द्ेनजर आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू किया है। रेलवे का उद्देश्य संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाना, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और निर्बाध रेल सेवाएं जारी रखना है। मैसूरु रेल मंडल के सकलेशपुर-सुब्रमण्य रोड और हुब्बल्ली मंडल के कैसल रॉक-कुलेम घाट खंडों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। महाप्रबंधक अरविंद श्रीवास्तव ने सभी अधिकारियों को विशेष रूप से मानसून के दौरान सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने संबंधित इंजीनियरिंग अधिकारियों को अचानक बारिश, तूफान या मौसम की स्थिति में बदलाव के लिए तैयार रहने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ कड़ी निगरानी रखने तथा निकट समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया है।
भारतीय मौसम विभाग से समय पर मौसम चेतावनी अलर्ट प्राप्त करने के लिए व्यवस्था की गई है। इन चेतावनियों में भारी वर्षा और चक्रवात के पूर्वानुमान शामिल हैं। आईएमडी से चेतावनी मिलने पर, दक्षिण-पश्चिम रेलवे का क्षेत्रीय केंद्रीय नियंत्रण कार्यालय तुरंत ही फील्ड यूनिट और स्टेशनों को इसकी सूचना देता है। मंडल स्तर पर प्रत्येक मौजूदा संवेदनशील स्थान की गहन समीक्षा की गई है और संबंधित अनुभाग इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण किया गया है तथा प्रत्येक ऐसे स्थान पर चौकीदार/गश्ती दल को तैनात किया गया है। ट्रैक क्षेत्रों, विशेष रूप से यार्डों में जल निकासी प्रणाली से कीचड़ या कचरा हटाने के प्रयास किए गए हैं, ताकि पानी का ठहराव रोका जा सके। सभी नालियों को उचित ढलान के साथ बिना किसी अवरोध के आउटलेट के साथ बनाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की बारिश के दौरान ट्रेन संचालन अप्रभावित रहे।
अधिकारियों ने विद्युतीकृत क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण किया है, ताकि पेड़ों की पहचान की जा सके, जो मानसून के दौरान ओवरहेड उपकरण (ओएचई), सिग्नल, ट्रैक या किसी अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यातायात को बाधित कर सकते हैं। ट्रैक की सुरक्षा के लिए ऐसे पेड़ों को काट दिया गया है। बोल्डर, गिट्टी, सैंडबैग आदि का स्टॉक कुल 90 वैगनों में लोड किया गया है और दक्षिण-पश्चिम रेलवे के बाढ़-ग्रस्त स्थानों के पास संग्रहित किया गया है। होगी विशेष गश्त
मौसम की चेतावनी संदेश प्राप्त होने पर आपातकालीन गश्त शुरू की जाएगी। साथ ही जल स्तर, जल निकासी प्रवाह, ट्रैक पर पेड़ों के गिरने या यातायात को बाधित करने वाली किसी भी अन्य चीज की निगरानी के लिए स्थिर चौकीदारों को तैनात किया गया है।संचार उपकरणों का परीक्षण
वॉकी-टॉकी सेट को अच्छी तरह से चार्ज की गई स्थिति में रखने के निर्देश दिए हैं, जिससे आपातकालीन संचार के लिए उनकी तत्परता सुनिश्चित हो। ट्रैकमैन और पी.वे स्टाफ को सतर्कता के निर्देश

संवेदनशील स्थानों पर निगरानी के लिए चौकीदारों को तैनात किया गया है। प्रमुख लोगों को अचानक तूफान आने तथा नदी के किनारे या पुलों पर जलस्तर बढऩे पर उचित कार्रवाई करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण दिया गया है। मानसून के लिए विशेष गश्ती चार्ट तैयार किए गए हैं, ताकि रेलवे ट्रैक की जांच की जा सके तथा बरसात के मौसम में सुरक्षा बनाए रखी जा सके। मानसून गश्त के लिए नियुक्त ट्रैकमैनों को गहन अभियानों तथा कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है तथा उन्हें परामर्श दिया गया है। इसके अलावा, मानसून के दौरान आवश्यक सावधानियों के बारे में गैगमैन तथा अन्य फील्ड स्टाफ को शिक्षित करने के लिए बैठकें भी आयोजित की गई हैं।

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