मैसूरु और मंड्या में भी हुआ आयोजन
मैसूरु. शहर में कामटगैरी के केटी स्ट्रीट मार्ग स्थित चौडेश्वरी माता मंदिर में सोमवार को प्रवासी राजस्थानी महिलाओं ने दशामाता की पूजा-अर्चना कर समूह में कथा श्रवण किया। महिलाओं ने पीपल की परिक्रमा लगा पूजा अर्चना की। अलसुबह ही महिलाएं सजधज कर पूजा थाल लेकर समूह में मंदिर पहुंचीं। दशामाता को प्रसाद का भोग लगा पूजा की। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। महिलाओं ने अपने घरों में भी दशामाता की पूजा की।
सिद्धार्थनगर शिव मंदिर में मेवाड़ समाज की महिलाओं ने चैत्र मास की दशमी को दशामाता की पूजा-अर्चना की। कथा सुनने के बाद परिवार में सुख समृद्धि की कामना की। इंदु सुालेचा, इंदु श्रीमाल, वनीता श्रीमाल, पूजा श्रीमाल, लादीबाई मारू, रीना देसरला व अन्य महिलाओं ने पीपल पूजा कर समूह में कथा सुनीं और सुनाई। दशामाता के आखिरी दिन महिलाओं ने उपवास रखा। श्रीरंगपट्टणा में प्रमुख माता मंदिर मे सोमवार को राजस्थानी महिलाओं ने दशामाता पूजन कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। इस वर्ष बढ़ती तिथि की वजह से 11 दिनों तक मनाए गए इस त्यौहार में मैसूरु एवं श्रीरंगपट्टनम की महिलाओं ने अंतिम दिन व्रत रखकर माता मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। शांता नंदावत, चंदा दक, संगीता, अनिता, कांता, अरुणा, कविता, प्रियंका दक, मंजू गन्ना, मनीषा पोरवाल समेत कई महिलाओं ने कथा श्रवण किया।
मण्ड्या. शहर के वीवी रोड, संजय सर्कल, 100 फीट रोड सहित आसपास क्षेत्र की महिलाओं ने सोमवार को गांधी भवन के सामने दशामाता व पीपल की पूजा की। गीत गाते हुए मंंदिर पहुंचीं महिलाओं ने माता की पूजा कर कथा श्रवण किया। दशामाता के गले में धागा पहनाया। होलूलु सर्कल, मुख्य बाजार की महिलाओं ने लक्ष्मी जनार्दन मंदिर में पीपल पूजा कर दशामाता के गीत के साथ कथा सुनी और उपवास खोला। अरकेरे गांव में अलसुबह महिलाएं सजधज कर समूह में गीत गाती हुई पुलिस स्टेशन के पास सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर पहुंचीं, जहां पीपल पूजा कर दशा माता की कथा सुनी। महिलाओं ने दशामाता के धागे को गांठ लगाकर गले में पहना व पुराने धागे को जल में विसर्जित कर उपवास खोला।