राममूर्ति ने त्यागपत्र की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व अन्य नेताओं को कांग्रेस में चल रही समस्याओं के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ बदलाव की अपेक्षा करते हुए पिछले एक साल से मैं प्रतीक्षा कर रहा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसी कारण उन्होंने नाराज होकर इस्तीफा दिया है।
भावी कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे विभिन्न मसलों पर चर्चा के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व अन्य नेताओं से मिले हैं पर उन्होंने अभी तक भाजपा में शामिल होने के बारे में निर्णय नहीं किया है। हालांकि, यदि भाजपा उनकी सेवाएं चाहती है तो वे अपनी भाजपा में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। राममूर्ति ने कहा कि वे राष्ट्रनिर्माण व देश के विकास के लिए काम करने में रुचि रखते हैं और अगले दो दिनों में अपने अगले निर्णय के बारे में खुलासा करेंगे।