इस मौके पर संघ के अध्यक्ष अशोक भाई दांतेवाडिय़ा, सचिव भैरुमल राठोड़, कोषाध्यक्ष मंगल चंद पोरवाल, ट्रस्टी बाबूलाल मुणोत, मांगीलाल गोवाणी, हंसराज पगारिया व हैदराबाद से आए कैलाश गौवाणी, उतम गौवाणी, उतम डामराणी, सुरेश साहजी,नेमी चंद जोटा, तिलोक चंद जोटा, सुविधि नाथ राजेन्द्र संघ मैसूर के अध्यक्ष शांतिलाल हरण मौजूद थे।
बेंगलूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में होली चातुर्मास के लिए यहां आईं साध्वी जयश्री ने पुण्यात्मा एवं पापात्मा का विवेचन करते हुए कहा कि पाप करने वाले ज्यादा होते हैं। लेकिन वह अपने को कभी भी पापी नहीं समझते हैं, पुण्य करने वाले मनुष्य के मन की स्थिति ऐसी होती है कि अगर गलती से भी पाप हो जाए तो वह प्रायश्चित कर उसको धोने की कोशिश करता है। साध्वी राजश्री ने कहा कि जीवात्मा के अंतरचक्षु खुले हैं तो चौरासी के चक्कर में भटकना बंद हो जाएगा एवं आत्मा मोक्षगामी हो जाएगी।