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कर्नाटक में दूसरा कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज शुरू

locationबैंगलोरPublished: Sep 13, 2018 12:39:04 am

Submitted by:

arun Kumar

प्रसंस्करण और विपणन को प्रमुखता देने 50 करोड़ रुपए जारी

Second Agricultural Engineering College started in Karnataka

Second Agricultural Engineering College started in Karnataka

बेंगलूरु. कृषि मंत्री एन.एच. शिवशंकर रेड्डी ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने प्रसंस्करण और विपणन को प्रमुख्रता देने के उद्देश्य से 50 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने मंगलवार को गांधी कृषि विज्ञान केन्द्र (जीकेवीके) परिसर में नवीन कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज भवन का उद्घाटन करते हुए कहा कि किसान महनत कर अनाज का उत्पादन तो करते हैं, लेकिन इसके लिए प्रसंस्करण और विपणन की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है। इससे किसानों को अधिक लाभ देने के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करने की जरूरत है। किसानों को आत्महत्या करने से रोकना होगा है। अगर किसान इसी तरह आत्महत्या करते रहे तो अनाज कौन पैदा करेगा। हजारों की संख्या में किसान भूमि बेच कर रोजगार की तलाश में शहरों का रुख कर रहे हैं। इस स्थिति को बदलना होगा।
हमने किसानों की समस्याओं को करीब से जानने के उद्देश्य से कई जिलों और तहसीलों का दौरा किया है। किसानों ने सबसे पहले उन्हें प्रसंस्करण, विपणन, गोदामों और कोल्ड स्टोरेज की सुविघा उपलब्ध कराने की मांग की है। सभी जिलों और तहसीलों में कृषि उत्पाद विपणन समितियां तो हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी है। सरकार ने मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 50 करोड़ रुपए जारी किए हैं। हरेक एपीएमसी में शीतगृहों और गोदाम की सुविधा होगी। कभी-कभी अनाज का उत्पादन अधिक होता है तो खरीदी के लिए कोई आगे नहीं आता।
प्रदेश में केवल दो ही कृषि इंंजीनियंरिंग कॉलेज हैं। इसकी संख्या अधिक करने की जाएगी। एक दर्जन से अधिक कॉलेज आरंभ करने के लिए सरकार के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। कृषि क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी और तकनीकी का इस्तेमाल करने के लिए इस तरह के कालेजों की जरूरत है। कृषि क्षेत्र में अनुसधान को अधिक प्रमुखता देने की जरूरत है। प्रदेश में साठ फीसदी सूखी भूमि है और केवल चालीस फीसदी भूमि कृषि योग्य है। गत पांच सालों में दो लाख से अधिक कृषि उपयोग के लिए जलाशय निर्मित कर बारिश के पानी को संरक्षित किया जा रहा है ।50 हजार से अधिक चेक डैम निर्मित कर 4000 तालाबों को हरा-भरा रखा गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार जैविक कृषि को भी प्रमुखता दे रही है। एक लाख हेक्टेयर में जैविक कृषि की खेती की गई है। अगले तीन सालों में 1.50 लाख हेक्टेयर तक इसका विस्तार करने की योजना बनाई है।
इस अवसर पर विधायक एम. अश्विन कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त विभाग), आई.एस.एन. प्रसाद, कृषि विभाग के सचिव एम. महेश्वर राव, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम.एस. नटराज और बेंगलूरु विश्वविद्यालय प्रशासन बोर्ड के सदस्य और अन्य कई अधिकारी उपस्थित थे।
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