scriptतन की नहीं, मन की सुंदरता देखें: देवेंद्रसागर | See the beauty of the mind, not of the body: Devendrasagar | Patrika News
बैंगलोर

तन की नहीं, मन की सुंदरता देखें: देवेंद्रसागर

राजाजीनगर में धर्मचर्चा

बैंगलोरAug 13, 2020 / 07:35 pm

Santosh kumar Pandey

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बेंगलूरु. शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जैन संघ, राजाजीनगर में आयोजित धर्मचर्चा में आचार्य देवेंद्रसागर ने कहा कि असली सुंदरता गुणवान होने में है। सौंदर्यबोध सदियों से हमारे विचार विमर्श का केंद्र रहा है।

देखने में आता है कि लोग अक्सर किसी की बाहरी सुंदरता को ही देखते हैं। हमारी सोच अच्छी रहती है तो व्यवहार भी अच्छा रहता है। इस नाते हमें किसी व्यक्तिकी तन की नहीं बल्कि मन की सुंदरता देखनी चाहिए। उसी के आधार पर उसका मूल्यांकन करना चाहिए।
आचार्य ने कहा कि सौंदर्य मतलब सुंदरता और बोध मतलब ज्ञान। यानी सुंदरता की समझ या ज्ञान ही सौंदर्य बोध है। हर किसी में सौंदर्यबोध की भावना होनी चाहिए। बाहरी सुंदरता उम्र के साथ ढल जाती है मगर आंतरिक सुंदरता स्थायी रहती है।
आचार्य ने कहा की बच्चों को बताएं कि वह किसी व्यक्ति के आचार- विचार और व्यवहार के आधार पर ही पसंद करें। कोई व्यक्ति अगर चेहरे से सुंदर है तो जरूरी नहीं कि वह गुणवान भी होगा। इस नाते हर अभिभावक को असली सौंदर्य के बारे में बताना चाहिए।

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