संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शिवकुमार ने कहा कि पार्टी का वफादार सिपाही होने के नाते वे मंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं। अगर आलाकमान ने निर्देश दिया तो कांग्रेस के सभी मंत्री असंतुष्ट नेताओं को पद देने के लिए अपना इस्तीफा देने में नहीं हिचकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार वे विधानसभा में चुनकर आए लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया। पार्टी आलाकमान के निर्देशों को मानते हुए उन्हें अपना मुंह बंद रखना पड़ा।
उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर कोई ऐसा गंभीर संकट नहीं है कि उन्हें रिसॉर्ट में रखने की जरूरत पड़े। उन्हें यहां लोकसभा चुनावों की रणनीति एवं राज्य में सूखे की स्थिति पर चर्चा के लिए लाया गया है। राज्य के 150 से अधिक तालुक सूखे से जूझ रहे हैं। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए भी योजनाओं पर चर्चा हो रही है। उन्होंने भाजपा नेताओं के गुरुग्राम से वापस लाने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नेता सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जा रहे हैं और वहां की स्थितियों का जायजा ले रहे हैं तो सरकार पूरी मदद करेगी।