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बैंगलोर

नेताओं की आपसी कलह, प्रतिद्वंद्विता को खत्म करना होगा शाह का एजेंडा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अगले विधानसभा चुनाव से पूर्व संगठन को मजबूत करने को शनिवार से प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आएंगे

बैंगलोरAug 11, 2017 / 11:07 pm

शंकर शर्मा

amit shah

amit shah

बेंगलूरु. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अगले विधानसभा चुनाव से पूर्व संगठन को मजबूत करने को शनिवार से प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आएंगे। उनके समक्ष पार्टी में गहराई तक जड़ें जमा चुकी अंदरूनी फूट और वरिष्ठ नेताओं की आपसी प्रतिद्वंद्विता से निपटने की बड़ी चुनौती होगी। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अंदरूनी कलह व विभाजन के कारण हार गई थी।


शाह के इस दौरे को प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है। शाह इस दौरान संगठन पर विशेष बल देकर कार्यकर्ताओं को अगले चुनाव के लिए तैयार करेंगे। लगातार बैठकों में व्यस्त रहने वाले शाह पार्टी संगठन के सभी प्रकोष्ठों की चुनावी तैयारियों की जानकारी लेंगे और उनकी शिकायतों व समस्याओं को भी पूरे धैर्य के साथ सुनेंगे।


हालांकि, शाह के इस दौरे को नियमित सांगठनिक प्रयास बताया जा रहा है जिसे शाह ने तीन माह पहले शुरू किया था और इस दौरान उन्होंने कुल 17 राज्यों को कवर किया है। लेकिन उनके प्रदेश के दौरे का महत्व अधिक है क्योंकि राज्य इकाई में अंदरूनी मतभेद कायम हैं। शाह पार्टी हित में इन मतभेदों को सभी के साथ बैठकर दूर करने का प्रयास करेंगे ताकि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व जनता दल (ध) के साथ संगठित रूप से संघर्ष किया जा सके।


नंजुनगुड-गुंडुलपेट सीटो पर उपचुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और कांग्रेस का पलड़ा भारी हो गया है। सिद्धरामय्या प्रदेश में घूमकर अपने शासनकाल की उपलब्धियों का प्रचार कर रहे हैं और भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे।

भाजपा की मजबूरी यह है कि वह पिछले चार साल में सिद्धरामय्या सरकार के खिलाफ किसी घोटाले के उजागर नहीं कर पाई है और पार्टी के पास केंद्र सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करने के अलावा जीतने के लिए कोई ठोस मुद्दा तक नहीं है। सूत्रों का कहना है कि शाह का यह दौरा हर स्तर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में नई ऊर्जा की संचार करेगा। शाह ने कर्नाटक के दौरे पर आने से पहले अपने स्तर पर ही तमाम जानकारी एकत्रित की है और राज्य में अपने प्रवास के दौरान वे पार्टी नेताओं को उनकी कमजोरियां बताने के साथ ही उन्हें दूर करने के टिप्स भी देंगे।

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