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बैंगलोर

नए रेकॉर्ड बनाकर सांसद बनीं शोभा, सुमालता

सत्रहवीं लोकसभा के लिए राज्य से निर्वाचित दो महिला सांसदों ने एक साथ कई नए इतिहास बनाए हैं। देश के संसदीय इतिहास में इस बार सर्वाधिक ७८ महिला सांसद निर्वाचित हुई हैं।

बैंगलोरMay 26, 2019 / 11:05 pm

शंकर शर्मा

नए रेकॉर्ड बनाकर सांसद बनीं शोभा, सुमालता

नए रेकॉर्ड बनाकर सांसद बनीं शोभा, सुमालता

बेंगलूरु. सत्रहवीं लोकसभा के लिए राज्य से निर्वाचित दो महिला सांसदों ने एक साथ कई नए इतिहास बनाए हैं। देश के संसदीय इतिहास में इस बार सर्वाधिक ७८ महिला सांसद निर्वाचित हुई हैं। संयोग से डेढ़ दशक के बाद यह पहला मौका है, जब राज्य में भी महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। यानी १५ वर्ष बाद राज्य में एक साथ दो महिला सांसद निर्वाचित हुई हैं। इस बार उडुपी-चिकमगलूर से भाजपा की शोभा करंदलाजे और मंड्या से निर्दलीय सुमालता अंबरीश जीती हैं। इसके पूर्व वर्ष २००४ में उस समय के कनकपुरा संसदीय क्षेत्र कांग्रेस की तेजस्विनी गौड़ा ने जद-एस के एचडी देवगौड़ा को हराया था, जबकि उडुपी-चिकमगलूर से मनोरमा मध्वराज विजयी रही थीं।


हालांकि वर्ष २००९ और २०१४ के लोकसभा चुनावों में महिला सांसदों की संख्या घटकर एक पर आ गई। २००९ में भाजपा की जे. शांता एक मात्र महिला सांसद थीं, जबकि वर्ष २०१४ में शोभा करंदलाजे अकेली महिला सांसद बनी। वहीं, मंड्या संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव २०१३ में कांग्रेस की रम्या कुछ महीनों के लिए सांसद बनीं। राज्य से सर्वाधिक महिला सांसदों का निर्वाचन १९९१ में हुआ था, जब एक साथ तीन महिला सांसद बसवराजेश्वरी, डीके तारादेवी और चंद्रप्रभा अर्स निर्वाचित हुई थीं।


लोकसभा चुनाव २०१९ में भाजपा, कांग्रेस, जद-एस, अन्य दलों के अलावा निर्दलीय को मिलाकर कुल २७ महिला उम्मीदवार थीं। वैसे राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या २.४८ करोड़ है और इस लिहाज से महिला उम्मीदवारों की संख्या बेहद कम रही। हालांकि महिला उम्मीदवारों की जीत का प्रतिशत और भी ज्यादा निराशाजनक रहा और भाजपा की शोभा करंदलाजे तथा निर्दलीय सुमालता को छोडक़र किसी को सफलता नहीं मिली। यहां तक कि २४ महिला उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाईं। राज्य में १९७७ से अब तक सिर्फ १५ महिला सांसद बनी हैं, जिसमें दो महिला सांसदों को उपचुनाव में जीत मिली। १९७७ के बाद से कांग्रेस ने २० महिलाओं को टिकट दिया, जिसमें १२ विजयी रहीं, जबकि भाजपा ने आज तक सात महिला उम्मीदवार उतारे, जिसमें तीन विजयी रही।

कायम किया इतिहास
शोभा करंदलाजे ने इस बार ३.४९ लाख मतों के बड़े अंतर से चुनाव जीतकर इतिहास कायम किया है। कर्नाटक के संसदीय इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी महिला प्रत्याशी ने इतने बड़े मतों के अंतर से जीत हासिल की है। यहां तक कि किसी भी प्रत्याशी को मिली यह चौथी सबसे बड़ी जीत है। शोभा लगातार दो बार संसद पहुंचने वाली दूसरी महिला बन गई हंै।


पहली निर्दलीय महिला सांसद
मंड्या में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल गौड़ा को हराने वाली सुमालता अंबरीश राज्य की पहली निर्दलीय महिला सांसद बन गई हैं। उन्होंने निखिल को १.२५ लाख मतों के अंतर से मात दी है। सुमालता अपनी इस जीत से देश की पहली महिला सांसद बन गई हैं, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के पोते और मौजूदा मुख्यमंत्री के बेटे को हराया है। साथ ही पुराने मैसूरु क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीतने वाली वही पहली भी बन गई हैं।

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