लोकसभा चुनाव में महंगा पड़ेगा डीजल-पेट्रोल उपकर
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उभरी राय
लोकसभा चुनाव में महंगा पड़ेगा डीजल-पेट्रोल उपकर
बेंगलूरु. विधानसौधा में बुधवार को कांग्रेस विधायक दल के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की अध्यक्षता में संपन्न कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने गठबंधन सरकार के पेट्रोल व डीजल पर सेस वृद्धि, अन्नभाग्य योजना के उपभोक्ताओं को आवंटित चावल में दो किलो की कटौती तथा बिजली का शुल्क बढ़ाने जैसे कई फैसलों पर नाराजगी जताई और इन्हें निरस्त करने की मांग की।
विधायकों ने किसानों की ऋण माफी योजना का भार कम करने के लिए इस कर वृद्धि के बदले सरकार के प्रशासनिक खर्च नियंत्रित करने की मांग की। विधायकों के अनुसार विभिन्न प्रशासनिक विभागों में राजस्व का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे फिजूल खर्च नियंत्रित करने से राजस्व की बचत संभव है। आम जनता को प्रताडि़त करने से इस सरकार के इन फैसलों के कारण गठबंधन सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है।
बैठक में विधायकों ने कहा कि अगले आम चुनाव में ये फैसले कांग्रेस को मंहगे साबित होंगे। पेट्रोलियम उत्पादों पर सेस वृद्धि का असर केवल इन उत्पादों के उपभोक्ताओं तक ही सीमित नहीं रहता। परिवहन का खर्च बढ़ जाता है। बस किराये बढ़ाने की मांग उठती है। खाद्य सामग्री तथा सब्जियों की ढुलाई का खर्र्च बढऩे से आवश्यक पदार्थों के मूल्य भी बढ़ जाते हैं।
विधायकों ने पूर्व मंत्री एच.के.पाटिल के गृहमंत्री परमेश्वर तथा समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धरामय्या को लिखे पत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि बजट में उत्तर कर्नाटक, तटीय कर्नाटक तथा हैदराबाद-कर्नाटक के साथ अन्याय किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में विधान परिषद सदस्य अब्दुल जब्बार ने बैठक में विधान परिषद का सभापति पद जद (एस) को देने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि सदन में 35 सदस्य होने के बावजूद यह पद जद (एस) को देना तार्किक नहीं है। जद (ध) को पार्टी ने पहले ही मुख्यमंत्री पद दिया है। ऐसे में विप के सभापति पद पर उसका दावा तार्किक नहीं है। अपनी हर मांग के लिए जद (एस) कांग्रेस पर दबाव बनाकर उसे मजबूर कर रहा है। इससे कांग्रेस को भारी नुकसान होगा।
कांग्रेस विधायकों ने सरकार के गठन का एक माह पूरा होने के बावजूद अभी तक जिला प्रभारी मंत्रियों की घोषणा नहीं किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जिलों के प्रभारी मंत्री नहीं होने से विधायकों को क्षेत्र की समस्याओं के लेकर सभी मंत्रियों के साथ संपर्क करना पड़ रहा है। जिलों में विकास के कार्य मंथर गति से चल रहे हैं। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी विकास योजनाओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। गठबंधन सरकार की छवि बिगड़ती जा रही है। बैठक में पूर्व अध्यक्ष डॉ जी. परमेश्वर, प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव तथा कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे को बधाई का प्रस्ताव पारित किया गया। मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामलिंगा रेड्डी तथा सतीश जारकीहोली बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में पार्टी के सांसद, विधायक तथा विधान परिषद सदस्यों ने भाग लिया।
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