उन्होंने कहा कि किसानों की भूमि कोई धन-बल के आधार पर नहीं छीने इसलिए इंदिरा गांधी तथा देवराज अर्स ने कानून में संशोधन किया था। इसके विपरित भाजपा सरकार किसानों को भूमिहीन करने के लिए यह संशोधित कानून ला रही है। इसके दुष्परिणामों से भाजपा के नेता अनभिज्ञ हैं। समाज के धनवान तथा रीयल एस्टेट कारोबारियों के लिए कृषि भूमि खरीदने में कोई बाधा न हो इसलिए यह संशोधन लाया गया है।साथ में केंद्र सरकार के दवाब के कारण राज्य सरकार ने कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमएमसी) कानून में संशोधन लाकर इस क्षेत्र में कार्पोरेट क्षेत्र के प्रवेश को हरी झंडी दिखाई है।
इस संशोधन से राज्य की कृषि उपज बाजार समितियों का अस्तित्व ही मिटने की आशंका है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसी भी भाजपा नेता के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बात करने की हिम्मत नहीं होने के कारण केंद्र सरकार के ऐसे एकपक्षीय फैसलों का समर्थन किया जा रहा है।