चिल्ड्रेन रेनबो अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. एंटनी रॉबर्ट चाल्र्स ने बताया कि एंडोस्कोपी और क्लोनोस्कोपी के जरिए चुंबक और बैटरी को निकालने की कोशिश की पर सफलता नहीं मिली। जिसके बाद सर्जरी करनी पड़ी। सर्जरी करीब साढ़े चार घंटे तक चली। सर्जरी के एक सप्ताह बाद बच्ची स्वस्थ है।
बच्ची के पिता ने बताया कि उन्होंने सात वर्षीय बड़ी बच्ची बेटी के लिए एक खिलौना लाया था जिसमें चुंबकीय बिट्स और बैटरी थे।
कोरोना काल में बढ़े मामले
डॉ. चाल्र्स ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों द्वारा बैटरी या अन्य बाहरी वस्तु निगलने के मामले बढ़े हैं। कई मामलों में ऐसी घटनाएं बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। अभिभावकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।