बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन के बाद 7 सितंबर को ट्रेन संचालन फिर से शुरू हुआ था। जिसके बाद स्मार्ट कार्ड को केवल ऑनलाइन या मोबाइल ऐप के जरिए टॉप-अप किया जा सकता था। इसे लेकर यात्रियों ने कई बार शिकायत की थी।
बीएमआरसीएल का कहना था कि यह प्रतिबंध मेट्रो स्टेशनों पर भीड़-भाड़ को रोकने के लिए लगाया गया था। बीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक अजय सेठ (BMRCL Managing Director Ajay Seth) ने बताया कि हमने लगभग 10 दिन पहले स्टेशनों पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके स्मार्ट कार्ड के टॉप अप की अनुमति दी है।
कार्यकारी निदेशक ए एस शंकर के अनुसार स्टेशनों पर नकदी स्वीकार नहीं की जा रही है और एक बार की यात्रा के लिए टोकन जारी नहीं किए जा रहे हैं। यह सुविधा 18 नवंबर को शुरू की गई थी।
कार्यकारी निदेशक ए एस शंकर के अनुसार स्टेशनों पर नकदी स्वीकार नहीं की जा रही है और एक बार की यात्रा के लिए टोकन जारी नहीं किए जा रहे हैं। यह सुविधा 18 नवंबर को शुरू की गई थी।
ऑनलाइन सुविधा का उपयोग की प्राथमिकता उन्होंने कहा कि हालांकि अभी भी हम मोबाइल ऐप या ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करने के लिए प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह संपर्क रहित होता है और यात्री कतार में खड़े होने से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि फोन पे और पेटीएम के जरिए भी भुगतान करने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है।
हालांकि मेट्रो में यात्रा करने वालों की संख्या बेहद कम है।
हालांकि मेट्रो में यात्रा करने वालों की संख्या बेहद कम है।
कोरोना से पहले के यात्रियों की संख्या से तुलना की जाए तो लगभग १२ प्रतिशत यात्री ही मेट्रो के सहारे आवागमन कर रहे हैं। आसान टॉप-अप की सुविधा नहीं होना भी यात्रियों की संख्या में कमी का कारण है। माना जा रहा है कि अब यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।