नाहर परिवार की वधुओं ने गीत का संगान किया। बच्चों ने मिलकर भावनाएं रखीं। विजिता राय सोनी ने दीक्षार्थियों का परिचय दिया। मुमुक्षु अशोक व पुत्री कोमल ने भी विचार रखे। साध्वी कंचनप्रभा ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ में दीक्षा जीवन का अलौकिक आनंद है। अनुशासन, विनय, समर्पण की त्रिवेणी में हर पल डुबकी लेते रहना है। साध्वी मंजूरेखा ने कहा कि यह हमारे धर्म संघ का अजीब इतिहास है कि एक ही परिवार के चारों सदस्य एक साथ दीक्षित हो रहे हों।
इससे पूर्व एक पुत्री दीक्षित हो चुकी है। यह बोहरा परिवार का ही सौभाग्य है। संचालन व अभिनंदन पत्र वाचन उपाध्यक्ष दीपचंद नाहर ने किया। सभी संघीय संस्थाओं के सम्मान में अभिनंदन पत्र प्रदान किया गया।
तेरापंथ सभा विजय नगर, यशवंत पुर, राजाजी नगर, हनुमंत नगर, महिला मंडल, युवक परिषद, अणुव्रत समिति, ट्रस्ट, महासभा के उपाध्यक्ष, स्थानकवासी समाज, मूर्तिपूजक समाज, ओसवाल जैन, भिक्षुधाम, तुलसी महाप्रज्ञ चेतना सेवा केन्द्र के पदाधिकारी मौजूद रहे। आभार तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष सुनील बाबेल ने जताया।