जद(ध) के विधायक बी.बी. निंगय्या ने इस विधायकों को सदस्यता से आयोग्य ठहराने की मांग के साथ शिकायत की है। निंगय्या का कहना है कि इनन विधायकों ने राज्यसभा के पिछले द्विवार्षिक चुनाव के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था, लिहाजा विधायकों को अब 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में मताधिकार से वंचित रखना जाना चाहिए।
इस बीच, कोलीवाड़ ने कहा कि उन्होंने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और वे किसी भी समय फैसला सुना सकते हैं। नियमानुसार इसकी कोई समय सीमा नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मसले का 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा के चुनाव के साथ कोई सरोकार नहीं है।
जद(ध) ने पार्टी से निलंबित सदस्यों को राज्यसभा चुनाव में मतदान करने से रोकने के लिए में चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है। जद (ध) के असंतुष्ट विधायक जमीर अहमद, चेलुवरायस्वामी, भीमा नायक, अखंड श्रीनिवासमूर्ति, एच.सी. बालकृष्णा, इकबाल अंसारी, आर बंडी सिद्धेगौड़ा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की शिकायत का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि इन विधायकों ने पिछले राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करके कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था जिसके बाद इन सातों विधायकों को पार्टी ने निलंबित कर दिया था।
जद(ध) ने 37 विधायकों को व्हिप जारी किया
बेंगलूरु. राज्यसभा की चार सीटों के लिए 23 मार्च को होने जा रहे द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर जनता दल (ध) ने सात असंतुष्ट विधायकों सहित कुल 37 विधायकों को पार्टी के उम्मीदवार बी.एम. फारूक के पक्ष में मतदान करने के बारे में व्हिप जारी किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी ने राज्यसभा के चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार बी.एम. फारूक के पक्ष में प्रथम वरीयता का वोट देने के लिए व्हिप जारी किया है।
जद(ध) ने अपनी पार्टी के अलावा निर्दलीय व अन्य विधायकों के समर्थन से फारूक को जिताने की योजना बनाई है। राज्यसभा के इस चुनाव में भाजपा अपने संख्या बल के आधार पर एक सीट जीतने की स्थिति में है और पार्टी ने राजीव चन्द्रशेखर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी दो सीटों को आसानी से जीतने की स्थिति में है और वह अपने शेष मतों व जद (ध) के असंतुष्ट विधायकों के समर्थन से अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताने की कोशिश कर रही है।