आचार्य ने उपस्थित संभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रमाणिकता का महत्व होता है और मीडिया के क्षेत्र में काम करने वाले सभी व्यक्तियों को न्यूज़ की प्रमाणिकता को ध्यान में रखकर उसको प्रसारित करना चाहिए। कोई भी समाचार प्रसारित करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की अवश्य जानकारी कर लेनी चाहिए। जेटीएन के कार्यकारी संपादक धर्मेंद्र डाकलिया ने जेपीएन की गति प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की।
साध्वीवर्या संबद्धयशा ने प्रवचन में सम्यकत्व के चतुर्थ लक्षण अनुकंपा के विषय में कहा कि प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव अनुकंपा होती है और इससे धर्म का बीज फलवान होता है। आचार्य महाश्रमण चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति की तरफ से कृतज्ञता ज्ञापन करने के क्रम में संजय धारीवाल, शांति सकलेचा, विजय सिंह भुतोङिया, संपत चावत, शांतिलाल बोराणा, सज्जन पीतलीया, कांतिलाल पीपाड़ा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। हिमांशु कोठारी ने विचार व्यक्त किए।