‘सनी साइड’ मडिकेरी स्थित पूर्व जनरल तिमय्या का पैतृक निवास स्थान है जिसे म्यूजियम का रूप देकर उनसे जुड़ी यादों को ताजा किया जा रहा है। देश के महान सेना नायकों में से एक जनरल तिमय्या 7 मई 1957 से 7 मई 196 1 तक सेना प्रमुख रहे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान तिमय्या ने अद्भूत रणनीतिक प्रतिभा और वीरता का प्रदर्शन किया जिसके चलते जापानियों को करारी शिकस्त मिली और उन्हें विशिष्ट सेवा पदक (डीएसओ) से सम्मानित किया गया। तिमय्या ने अदम्य साहस, वीरता, त्याग और बलिदान के साथ पेशेवर सैन्य गुणों का जो प्रतिमान स्थापित किया वह आज भी सैनिकों में जोश और उत्साह भरता है।
कोडवा समुदाय ही नहीं पूरी सेना और देश को प्रेरित करने वाले इस सेनानायक की यादों को संजोने के लिए उनके पैतृक निवास को म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है ताकि आने वाले कई युगों तक नई पीढिय़ों को उनके संस्कार पहुंचे। संग्रहालय के लिए भारतीय सैनिकों द्वारा उपयोग में लाए गए हथियार और टैंक पहुंचने लगे हैं।
राज्य सरकार ने बजट में इस संग्रहालय की घोषणा की थी। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए 5.5 करोड़ रुपए की लागत वाली एक योजना तैयार की गई थी। अभी तक 3.5 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं। इससे पहले थलसेना अध्यक्ष ने इस संग्रहालय के लिए हथियार भेजने का वादा किया था जो अब पहुंचने लगे हैं।
यह संग्रहालय 2.1 एकड़ क्षेत्र में फैले उनके निवास स्थान पर तैयार हो रहा है। परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। संग्रहालय तीन हिस्सों में बन रहा है। निवास परिसर के एक हिस्से में वार मेमोरियल बनाया जा रहा है जबकि एक हिस्से को खूबसूरत बागवानी के जरिए पार्क का स्वरूप दिया जाएगा। वहीं उनके मकान का जिर्णोद्धार भी किया गया है। इसके तहत उनके मकान को उसी स्वरूप में लाया गया है जिस स्वरूप में वह आज से 8 0-90 साल पहले था।
यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण और मुश्किल कार्य था लेकिन लेकिन इसे पुराना वैभव प्रदान किया गया है और वह अपने मूल स्वरूप में आ गया है। संग्रहालय में उनकी लगभग 200 ऐसी तस्वीरें रखी जाएंगी जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा है। म्युजियम बनाने वाले पेशेवरों को इस काम पर लगाया है ताकि कोई कसर नहीं रहे। शहीद स्मारक के लिए अगले महीने तक पुणे से टैंक भी आ जाएगा।