जिस तरह सफलता उन्नति के द्वार खोल देती है उसी तरह असफलता नए अवसरों के लिए रास्ता दिखाती है। निरंतर प्रयास करते रहना और असफलता के आगे हार ना मानना ही आत्मविश्वासी व्यक्ति की पहचान है। असफलता सफलता की दिशा में उठाया गया पहला कदम है।
उन्होंने कहा कि यह सामान्य है कि असफल होने पर इंसान निराश और मायूस हो जाता है लेकिन यह निराशा केवल क्षणभंगुर होती है।
उन्होंने कहा कि यह सामान्य है कि असफल होने पर इंसान निराश और मायूस हो जाता है लेकिन यह निराशा केवल क्षणभंगुर होती है।
यदि आप उस असफलता का कारण ढूंढने की कोशिश करेंगे तो आप अपनी कमियों को पहचान पाएंगे, त्रुटियों को सुधार कर दोबारा प्रयास कर पाएंगे। उदाहरण के माध्यम से समझाते हुए वे आगे बोले कि एक अध्यापक कॉपी चेक करते वक्त आपकी गलतियों को लाल पेन से गोला इसलिए लगाते हैं ताकि विद्यार्थी अपनी खामियों को पहचान कर सुधार कार्य करें और अगली बार उन शब्दों को सही रूप में ही लिखें। प्रत्येक असफलता के साथ एक ऐसी शक्ति उत्पन्न होती है जो हमें सफलता की ओर अधिक तेजी से धकेलने लगती है। इसलिए असफलता को एक अवसर की तरह लें और दोगुनी ऊर्जा से फिर से प्रयास शुरू करें। तभी आपको जीवन में सफलता के दर्शन होंगे। प्रवचन के पश्चात झारखंड से आरएसएस के पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह आचार्य के दर्शनार्थ पहुंचे।