इस तकनीक से ऑक्सीजन उत्पादन के लिए जियोलाइट नामक एक खनिज की आवश्यकता पड़ती है जिसकी पहली खेप लेकर एयर इंडिया के दो कार्गो विमान इटली की राजधानी रोम से उड़ान भर चुके हैं। ये विमान रविवार सुबह 4.45 बजे और 6.45 बजे बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे। इन विमानों से पहुंचने वाली जियोलाइट का उपयोग मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) में होगा। देशभर में लगभग 500 ऐसे मेडिकल प्लांट की स्थापना डीआरडीओ की ओर से की जा रही है जहां जियोलाइट खनिज का उपयोग कर बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाएगा और सीधे मरीजों के बिस्तर तक पहुंचाया जाएगा।
इस तकनीक का विकास लाइफ साइंसेज से जुड़ी डीआरडीओ की बेंगलूरु स्थित रक्षा बायो-इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रोमेडिकल प्रयोगशाला (डीइबीइएल) ने किया है ताकि तेजस में लंबी अवधि के मिशनों के लिए उड़ान भरने वाले वायुसेना के पायलटों को कॉकपिट में निरंतर ऑक्सीजन मिल सके। उसी तकनीक को मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) के रूप में विकसित किया गया और अब उसका इस्तेमाल चिकित्सकीय जरूरतों के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन में किया जाएगा।
ये संयंत्र पांच लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की प्रवाह दर से 190 रोगियों की ऑक्सीजन जरूरतें पूरी करने के साथ ही 195 ऑक्सीजन सिलेंडर चार्ज करने में सक्षम हैं। इनकी स्थापना उन दूरस्थ ग्रामीण अथवा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में करने की योजना है जहां आवागमन के पर्याप्त साधन नहीं हैं। इनकी स्थापना की जिम्मेदारी डीआरडीओ को दी गई है और इसके लिए आवश्यक जियोलाइट की आपूर्ति के लिए उसने एयर इंडिया से हाथ मिलाया है।
एअर इंडिया ने एक बयान में कहा कि ‘डीआरडीओ जियोलाइट की खेप मंगा रहा है। दो विमानों ने जियोलाइट के साथ रोम से उड़ान भरी है, जो रविवार को बेंगलूरु पहुंचेंगे। इन विमानों में 35 टन जियोलाइट है। रोम से बेंगलूरु के लिए 15-18 मई के बीच सात उड़ानें आने वाली हैं। इसके बाद 19 से 22 मई के बीच कोरिया से आठ उड़ानों से खेप बेंगलूरु आएगी। इसके अलावा आने वाले दिनों में अमरीका, बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स, जापान की राजधानी टोक्यो से भी खेप आएगी।’
विशेषज्ञों के मुताबिक जियोलाइट हवा में व्याप्त अशुद्धियां जैसे नाइट्रोजन आदि को सोख लेता है और शुद्ध ऑक्सीजन का उत्पादन प्लांट द्वारा किया जाता है। पीएम केयर्स फंड से हर महीने 125 और अगले तीन महीने के दौरान 500 ऐसे संयंत्र स्थापित किए जाएंगे जिसकी प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है।