scriptदस भाषाओंं का ज्ञान है 10 वर्षीय जुड़वा बाल मुनियों को | Ten languages have knowledge of 10-year-old twin children | Patrika News
बैंगलोर

दस भाषाओंं का ज्ञान है 10 वर्षीय जुड़वा बाल मुनियों को

अद्भुत: गीता, कुरान, बाइबिल व गुरुग्रंथ साहिब के सूत्रों पर महारत
2 दिसम्बर को पैलेस ग्राउंड में होगा ‘बाल शतावधान प्रयोग’

बैंगलोरNov 18, 2018 / 05:33 pm

Ram Naresh Gautam

jainism

दस भाषाओंं का ज्ञान है 10 वर्षीय जुड़वा बाल मुनियों को

बेंगलूरु. मेडिटेशन रिसर्च फाउंडेशन एवं नाकोड़ा पाŸवनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट राजाजीनगर बेंगलूरु के तत्वावधान में 2 दिसम्बर को पैलेस ग्राउंड के प्रिंसेस श्राइन में आयोजित ‘बाल शतावधान प्रयोगÓ में बाल मुनि नमिचन्द्र सागर व बाल मुनि नेमिचन्द्र सागर आकर्षण का केन्द्र होंगे।
दस वर्षीय जुड़वा बाल मुनियों को देश में प्रचलित 10 भाषाओं का ज्ञान है। मुनियों को जैन धर्म के 5 आगम ग्रंथों के 5000 श्लोक के साथ गीता, गुरुग्रंथ साहिब, कुरान, बाइबिल के सूत्रों में भी महारत है।
धर्मगुरुओं की मानें तो 2 दिसम्बर को विश्व की आध्यात्मिक अनूठेपन का सफल प्रयोग होगा। इस दौरान दोनों मुनि दस भाषाओं में प्रवचन भी देंगे। मुनि ने दावा किया है कि यह एक अनोखा विश्व रेकॉर्ड होगाा।
महाशतावधानी अभिनंदनचन्द्र सागर ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि जुड़वा बाल मुनि नमिचन्द्र सागर व नेमिचन्द्र सागर का जन्म गुजरात के सूरत शहर में हुआ।

वे पीयूष व सोनल की जुड़वा संतान हैं। दोनों भाइयों ने कक्षा एक तक अध्ययन किया। इसके बाद वे दो साल तक गुरुकुल में रहे और संन्यास जीवन का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
नौ वर्ष की उम्र में दोनों भाइयों ने एक साथ दीक्षा लेकर संन्यास जीवन स्वीकार किया। उनकी दीक्षा सूरत शहर में आचार्य नयचन्द्र सागर सूरी के सान्निध्य में हुई। इसके बाद वे तप, त्याग, परमार्थ के मार्ग पर साधना के लिए चल पड़े।
एक वर्ष की अवधि में वे 5 हजार किलोमीटर पैदल विहार कर चुके हैं। जुड़वा बालमुनि सिर्फ ढाई घंटे में 350 गाथा कंठस्थ कर रिकॉर्ड स्थापित कर चुके हैं।

अभिनंदनचन्द्र सागर ने बताया कि दोनों बाल मुनि संस्कृत भाषा में प्रवचन देंगे तो उनका माध्यम ग्रंथ गीता होगा। उर्दू में बोलेंगे तो उसका माध्यम ग्रंथ कुरान होगा, अंग्रेजी में बोलेंंगे तो उसका माध्यम ग्रंथ बाइबिल होगा।
पंजाबी में बोलेंगे तो माध्यम ग्रंथ गुरुगं्रथ साहिब होगा, प्राकृत में माध्यम ग्रंथ जैन आगम ग्रंथ होगा। कन्नड़ में बोलेंगे तो वे वचनामृत गं्रथ के माध्यम से बोलेंगे।

दस भाषाएं बाल मुनियों ने विहार के दौरान सीखीं। वहीं कुछ भाषाओं के लिए स्थानीय गुरुओं का सहारा लिया। दोनों बाल मुनियों ने कन्नड़ भाषा मात्र दो माह में सीखी है।
बिना देखे पढ़ेंगे पुस्तक
अभिनंदन चन्द्र सागर ने बताया कि बाल शतावधान प्रयोग में बाल मुनि विश्व के किसी भी देश की राजधानी, भाषा, गणित के सवाल, दर्शन, अवधान में प्रेक्षकों की वस्तुएं, भगवत गीता के 15 अध्याय में से कोई भी श्लोक, कुरान की आयतें, बाइबिल के चैप्टर, गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी, जपजी साहिब की पावडिय़ा, दस अलग-अलग भाषा का उच्चारण, ब्लांइड अवधान में आखों पर पट्टी बांधकर बिना देखे पुस्तक पढ़कर बताएंगे। इसके अलावा पवित्र तीर्थ स्थल, त्योहार, ऋषि-महर्षि, दार्शनिक, वैज्ञानिक, देशभक्तों के नाम, योगासनों के नाम आदि भी शामिल होंगे।

Home / Bangalore / दस भाषाओंं का ज्ञान है 10 वर्षीय जुड़वा बाल मुनियों को

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो