संतों का पदार्पण सौभाग्य का सूचक-मूलचंद नाहर
संतों का भिक्षु सदन में अभिनन्दन
संतों का पदार्पण सौभाग्य का सूचक-मूलचंद नाहर,संतों का पदार्पण सौभाग्य का सूचक-मूलचंद नाहर
बेंगलूरु.आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि सुधाकर व मुनि नरेश कुमार चातुर्मसिक संपन्नता के बाद विहार कर रैली के साथ भिक्षु सदन पहुंचे। भिक्षु सदन के मुख्य द्वार पर नाहर परिवार की ओर से मुनि वृंद का अभिनंदन किया गया।
मुनि सुधाकर ने यहां धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा चार प्रकार के श्रावक होते हैं। माता पिता, भाई, मित्र और सोत के समान, कुछ श्रावक साधु साध्वियों के लिए माता-पिता के समान होते हैं। उनकी गुरु भक्ति संघ भक्ति अद्भुत होती है ।
अपने स्वागत उद्बोधन में मूलचंद नाहर ने कहा संतों का पदार्पण सौभाग्य का ***** होता है, संत पवित्रता के प्रतीक होते हैं, संत के सान्निध्य से पाप, ताप व संताप का नाश होता है, मुनि सुधाकर का सानिध्य जन-जन में आध्यात्मिक शक्ति का संचार कर रहा है। मुनि की मंत्र साधना विशेष प्रभावी है, जाप और ध्यान आपके जीवन का अभिन्न अंग हैं। इस अवसर पर तेरापंथ महासभा से सह मंत्री प्रकाश लोढ़ा, ललित आच्छा, अखिल भारतीय महिला मंडल कार्यकारिणी सदस्य शशिकला नाहर ने भी मुनि के स्वागत में अपने विचार रखे। बच्चों ने मुनि वृन्द के स्वागत में गीत भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष सुभाष बोहरा, मंत्री हरकचंद ओस्तवाल, देवराजजी नाहर, लक्ष्मीपत दूधेडिय़ा, युवक परिषद मंत्री धर्मेश कोठारी, महिला मंडल अध्यक्ष मंज दक, विक्रम सेठिया, मुकेश नाहर, गौतम दक और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी और श्रावक समाज की उपस्थिति रही।
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