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बैंगलोर

कर्नाटक में फिर शुरू होगा गोल्डन चेरियट का शाही सफर

The luxurious Golden Chariot train will start plying from March 2020
राजसी साज सज्जा और सुविधाओं वाली शाही ट्रेन है गोल्डन चेरियट

बैंगलोरNov 19, 2019 / 06:34 pm

Priyadarshan Sharma

कर्नाटक में फिर शुरू होगा गोल्डन चेरियट का शाही सफर

Golden Chariot

बेंगलूरु. कर्नाटक में पर्यटक एक बार फिर से शाही ट्रेन के सफर का आनंद ले सकेंगे। अगले वर्ष से मार्च 2020 से राजसी साज सज्जा और सुविधाओं वाली गोल्डन चेरियट का परिचालन शुरू होगा, जिसे पिछले वर्ष बंद कर दिया गया था।
कर्नाटक सरकार ने एक दशक पूर्व 2008 में गोल्डन चेरियट की शुरुआत की थी लेकिन राज्य सरकार के उपक्रम कर्नाटक राज्य पर्यटन विकास निगम (केएसटीडीसी) को इसके परिचालन में लगातार घाटा हो रहा था। इस वजह से पिछले वर्ष से शाही ट्रेन का परिचालन बंद था। हालांकि नए समझौते के तहत अब कर्नाटक सरकार ने गोल्डन चेरियट की जिम्मेदारी राजस्व में हिस्सेदारी के एक समझौते के तहत भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) को सौंप दी है।
रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी और कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि की उपस्थिति में मंगलवार को रेल भवन दिल्ली में रेलवे, आइआरसीटीसी और केएसटीडीसी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। एमओयू के तहत अगले दस वर्ष तक आइआरसीटीसी ट्रेन का परिचालन करेगी। अब आइआरसीटीसी अपनी निगरानी में इस की आंतरिक साज-सज्जा बदल कर इसे मार्च 2020 से फिर परिचालित करेगी।
सुरेश अंगड़ी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आइआरसीटीसी लोगों को और बेहतर सेवा देगी जिससे न केवल दक्षिण में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार भी सृजित होंगे। उन्होंने इसका किराया प्रतिस्पर्धी रखने को भी कहा ताकि अधिक-से-अधिक लोग इसकी सेवा ले सकें। सी टी रवि ने कहा कि इस कदम से दोनों संगठनों को लाभ होगा। कर्नाटक में हम्पी, पश्चिमी घाट जैसे कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जहां बड़े पैमाने पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
कर्नाटक में फिर शुरू होगा गोल्डन चेरियट का शाही सफर
50 फीसदी कम हो सकता है किराया
गोल्ड चेरियट को पर्यटन हितैषी बनाने के लिए इसके किराए में पूर्व की तुलना में 50 प्रतिशत तक की कमी की जा सकती है। हालांकि फिलहाल किराया तय नहीं हुआ है लेकिन, रेलवे ने पहले की तुलना में ढुलाई शुल्क में 50 फीसदी की कमी है जिसका सीधा लाभ अब किराए में कमी के रूप में देखा जा सकता है।
42 करोड़ का हुआ था नुकसान
केएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक कुमार पुष्कर ने कहा कि हम इस ट्रेन को 2008 से एक होटल के साथ मिलकर चला रहे थे, लेकिन इसमें पिछले 10 साल में करीब हमें करीब 42 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसे और पेशेवर तरीके से चलाने के लिये हमने आइआरसीटीसी के साथ हाथ मिलाया है। उन्होंने कहा, आईआरसीटीसी इसका विपणन, बिक्री और परिचालन करेगी और शुद्ध राजस्व में हमारी 1 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक हिस्सेदारी होगी।
शाही ट्रेन में वैश्विक सुविधाएं
गोल्डेन चैरियट 18 डिब्बों वाली लक्जरी ट्रेन है, जिसमें एक बार में ८४ सैलानियों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। इसमें 11 लग्जरी एसी सलून के साथ बार लाउंज, बिजनेस सेंटर, जिम और आयुर्वेदिक स्पा होंगे। कुल सात दिन की यात्रा के तहत यह ट्रेन बेंगलूरु से रवाना होगी और बंडीपुर टाइगर रिजर्व, मैसूर पैलेस, होलेश्वर मंदिर और चिकमंगलूर में कॉफी प्लांटेशन, हम्पी, बीजापुर में गोलगुंबज और गोवा होते हुए सातवें दिन बेंगलूरु लौटेगी।

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