इस मामले की जांच केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) कर रहा है। सीसीबी को जांंच से पता चला है कि कावेरी वेबसाइट को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का सीडेक निगरानी करता है। तीन-चार उप पंजीयन कार्यालयों के लिए एक इंजीनियर को नियुक्त किया जाता है। इन इंजीनियरों को ठेके पर नियुक्त किया गया है। अवैध रूप से भूखंड पंजीकरण कराने के मामले में उप पंजीयकों के इन सात इंजीनियरों की भी भूमिका है।
इंजीनियरों के याचिका दाखिल करने की सूचना मिलने पर सीसीबी ने भी अदालत में याचिका लगाने का फैसला किया है ताकि कोई भी फैसला उसका पक्ष सुने बिना नहीं किए जाए। पूछताछ के लिए सीबीबी के सामने पेश हुए चार उप पंंजीयकों ने कहा कि वे भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं। इस घोटाले के बारे में उन्हेंं कोई जानकारी नहीं है।
सीसीबी का मानना है कि जांच के समय कावेरी वेबसाइट के लॉग इन और पासवर्ड का विवरण केवल उप पंजीयकों और इंजीनियरों को ही पता होता है। इसलिए सीसीबी ने उनसे पूछताछ के लिए कई सवाल तैयार किए हैं। तुमकूर रोड के दासानापुर के पास हरित क्षेत्र की भूमि परिवर्तन नहीं की गई भूमि में लेआउट निर्मित कर भूखंड को बनाकर कार्यालय के कर्मचारियों के सहयोग से अवैध रूप से सेल डीड कराने के आरोप में डेवलपर सोमण्णा को गिरफ्तार किया है।