व्यक्ति का सच्चा मित्र ही उसका राजदार-साध्वी डॉ. पद्मकीर्ति
धर्मसभा का आयोजनसाध्वी चंदना की दीक्षा जयंती आज
व्यक्ति का सच्चा मित्र ही उसका राजदार-साध्वी डॉ. पद्मकीर्ति
बेंगलूरु. साध्वी डॉ. कुमुदलता आदि ठाणा सुखसाता पूर्वक रामनगर में विराजित हैं। साध्वी डॉ. पद्मकीर्ति ने कहा कि व्यक्ति के जन्म के बाद से वह अपनों के मध्य रहता है। खेलता है, उनसे सीखता है पर हर बात व्यक्ति हर किसी से साझा नहीं कर सकता। व्यक्ति का सच्चा मित्र ही उसके प्रत्येक राज को जानता है। पुस्तक ज्ञान की कुंजी है, तो एक सच्चा मित्र पूरा पुस्तकालय, जो हमें समय-समय पर जीवन के कठिनाइयों से लडऩे में सहायता प्रदान करते हैं। व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में दोस्तों की मुख्य भूमिका होती है। ऐसा कहा जाता है की व्यक्ति स्वयं जैसा होता है वह अपने जीवन में दोस्त भी वैसा ही चुनता है। ्रव्यक्ति से कुछ गलत होता है तो समाज उसके दोस्तों को भी समान रूप से उस गलती का भागीदार समझते हैं। जो बुराई में आपका साथ दे वह आपका मित्र नहीं हो सकता। किसी का साथ देना ही मित्रता का गुण नहीं है अपितु किसी को गलत कार्य करने से रोकना यह एक श्रेष्ठ मित्र का गुण है। सही काम में किसी का साथ दो ना दो यह अलग बात है। मगर किसी के बुरे कार्यों में साथ देना यह गलत बात है। अगर आपके मित्र आपको गलत कार्यों से रोकते हैं तो समझ लेना आप दुनियां के खुशनसीब लोगों में से एक हैं। बुरे समय में अवश्य मित्र का साथ दो, बुरे कार्यों में कदापि नहीं। कष्ट में अवश्य मित्र का साथ दो कष्ट पहुंचाने में कदापि नहीं। दु:ख के क्षणों में अवश्य मित्र का साथ दो, किसी को दुखी करने के लिए कदापि नहीं। मित्र का अर्थ है कि जो आपके लिए भले ही रुचिकर ना हो मगर हितकर अवश्य हो। जिसे आपका वित्त प्यारा न हो, हित प्यारा हो समझ लेना वो आपका सच्चा मित्र है। श्रमणसंघीय मरुधर केसरी मिश्रीलाल की पुण्यतिथी एवं जैन-दिवाकर्या मालवसिंहनी साध्वी कमलावती की सुशिष्या उपप्रर्वतनी चन्दना की 56वीं दीक्षा जयन्ती सोमवार को चनपट्टना (कर्नाटक ) में मनाई जाएगी।
रामनगर से श्रीचंद बुरड़, सरिता बुरड़ व धोका परिवार एवं सभी के भक्तों की सेवा बहुत ही सराहनीय रही। मैसूरु के मदनलाल दरला, मानमल दरला, प्रशान्त बाफना, निर्मलकुमार चोरडिय़ा, लोकेशकुमार दक ने साध्वीवृन्द के दर्शन वंदन किए।