परमेश्वर ने सोमवार को परियोजना स्थल का निरीक्षण करने व संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद कहा कि साइंस सिटी की स्थापना पर आने वाली लागत में केन्द्र व राज्य सरकार का बराबर योगदान होगा। यह 200 करोड़ रुपए की लागत की परियोजना है और स्थापित हो जाने के बाद यह दक्षिण भारत की सबसे बड़ी साइंस सिटी के तौर पर उभरेगी। परमेश्वर ने यह भी कहा कि विज्ञान के क्षेत्र की और बच्चों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में विज्ञान केन्द्र की स्थापना करने का निर्णय किया है।
मेंगलूरु तथा दावणगेरे में पहले से ये विज्ञान केन्द्र काम कर रहे हैं और प्रदेश के शेष जिलों में विज्ञान केन्द्र खोलने के प्रस्ताव अग्रिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि मैसूरु प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन केन्द्र है और इस शहर में साइंस सिटी की स्थापना करना अधिक लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इस परियोजना का कार्य पूर्ण करने के लिए पांच सालों की समय सीमा तय की गई है लेकिन इस परियोजना के कार्य को 3 साल में पूर्ण करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।