लेकिन इन ले-आऊटों से सरकार को किसी तरह के कर राजस्व की प्राप्तियां नहीं हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलने के कारण लागू किए गए लाकडाउन के कारण राज्य सरकार आर्थिक संकट का सामना कर रही है। राजस्व एकत्रित करने के लिए अवैध ले-आउटों, मकानों व भूखडों का नियमन करने का निर्णय किया गया है।
बेंगलूरु शहर सहित राज्य भर में अनेक अवैध ले- आऊट बन गए हैं और इन ले- आउटों को सरकार द्वारा तमाम सुविधाएं प्रदान की गई है। इनका नियमन करने के लिए कितना जुर्माना लगाया जाए, इस बारे में शहरी विकास विभाग एक सप्ताह के भीतर कार्यसूची जारी करेगा। इसके बाद आवेदकों से नियमन की अर्जियां मंगवाई जाएगी और थोड़ा समय देने के बाद भूखंडों के मालिकों को पुष्टिकरण हक पत्र देकर उनका नियमीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 का संक्रमण दिनो दिन तेजी से फैलता जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए आम जनता को सहयोग करना चाहिए। यदि कोई भी जुकाम या ज्वर्र से पीडि़त हो तो उसे तत्काल चिकित्सक के पास जाकर अपनी जांच करवाकर समुचित उपचार करवाना चाहिए। कोरोना संक्रमण के रोगियों की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी तालुकों, जिला मुख्यालयों पर प्रयोगशालाओं की स्थापना करने पर विचार किया जा रहा है।
इस माह के अंत तक और दस स्थानों पर परीक्षण केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना पोजीटिव की दर के मामले में राज्य देश में दूसरे स्थान पर हैं। राज्य में 43.56 लोगों का परीक्षण करने के बाद एक जने में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।