आदेश के मुताबिक सोमवार से शुक्रवार तक राज्य में रात्रि कफ्र्यू लागू रहेगा और इस दौरान औद्योगिक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं होगी। हालांकि, सरकारी राशन की दुकानों, किराना व खाद्य पदार्थों, दूध, फल-सब्जी आदि की दुकानें खुली रहेंगी। सैलून, ब्यूटी पार्लर, दवा व अन्य आवश्यक सेवाओं की दुकानें, निर्माण सामग्री की दुकानें खुली रहेंगी। रेस्तरां, भोजनालय, शराब की एकल दुकानें, बार आदि खुले रहेंगे लेकिन ग्राहक सिर्फ पार्सल (टेक अवे सर्विस) लेकर ही जा सकेंगे। बैंकिंग, बीमा, एटीएम व अन्य वित्तीय सेवाओं और खाद्य प्रसंस्करण, शीत व भंडारण गृह से जुड़ी इकाईयों को इससे छूट दी गई है।
बुधवार को जारी संशोधित आदेश के मुताबिक इसके अलावा अन्य सभी दुकानें, वाणिज्यिक व निजी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। अंतरराज्यीय या राज्य के अंदर आवाजाही पर किसी तरह की रोक नहीं है। कंटेंमेंट जोन के बाहर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रतिष्ठानों को भी पूर्ण क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी गई है। ई-कार्मस के जरिए सामानों की आपूर्ति की जा सकेगी।
सरकार के संशोधित आदेश के बाद गुरुवार को पुलिस ने चिकपेट, गांधी नगर, बीवीके अयंगर रोड सहित बेंगलूरु के सभी प्रमुख बाजारों में गैर जरुरी वस्तुओं की दुकानों को बंद करा दिया। बिना लॉकडाउन की घोषणा किए ही अचानक दुकानों को बंद कराने से व्यापारियों में नाराजगी है। कई व्यापारियों ने कहा कि जब शराब की दुकानों को अनुमति दी गई तो फिर कपड़े या दूसरी चीजों की दुकानों को बंद कराने का क्या औचित्य है।
कई जगह व्यापारियों और बाजार बंद करा रहे पुलिस कर्मियों में इसे लेकर बहस भी हुई। व्यापारिक और वाणिज्यिक संगठनों ने सरकार ने गैर जरुरी वस्तुओं की दुकानों को बंद रखने के आदेश पर पुनर्विचार करने अथवा कुछ शर्तों के साथ इलाकेवार दुकानें खोलने की अनुमति देने की मांग की है।