येडियूरप्पा के खिलाफ बेलगावी के जिला चुनाव अधिकारी द्वारा नियुक्त लाइंग स्क्वाड अधिकारी लक्ष्मण अल्लापुर ने मामला दर्ज कराया था। यह मामला नव बर 2019 में विधानसभा उपचुनावों के दौरान भाजपा उ मीदवार रमेश जारकीहोली के लिए प्रचार के दौरान येडियूरप्पा के एक भाषण से जुड़ा है।
कथित तौर पर येडियूरप्पा ने 23 नव बर को एक सभा के दौरान वीरशैव-लिंगायत समुदाय के मतदाताओं को संबोधित करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि उनका भाजपा उ मीदवार को मिले। उनपर आरोप था कि उन्होंने अपील की थी कि वीरशैव-लिंगायत समुदाय का वोट बंटे नहीं और एकमुश्त भाजपा को मिले। गोकाक की अदालत ने इस मामले में येडियूरप्पा को समन भी जारी किया था। येडियूरप्पा ने इसके खिलाफ हाइ कोर्ट में याचिका दायर की थी और मामले को रद्द करने की मांग की थी।
हाइ कोर्ट के जज जस्टिस सूरज गोविंदराज ने कहा कि एक मजिस्ट्रेट इस मामले में बिना नोटिस जारी किएऔर लाइंग स्क्वाड अधिकारी को सूचना दिए बिना स्वत: संज्ञान लेते हुए ‘बीÓ रिपोर्ट को खारिज नहीं कर सकता। पीठ ने कहा कि बिना किसी आपत्ति के ‘बीÓ रिपोर्ट को खारिज करना ‘आपराध प्रक्रिया संहिता’ के प्रावधानों के तहत ना तो परिकल्पित है और न ही मंजूर की जा सकती है।
पीठ ने कहा कि इस शिकायत में शत्रुता को बढ़ावा देने के संबंध में कोई आरोप नहीं है। पीठ ने कहा, ‘इस मामले में सबसे अधिक आरोप धारा 125 के तहत लगाए गए हैं। इसके तहत शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप को स्थापित किया जाना चाहिए जो नहीं किया गया।Ó