विधानसभा में सदस्यों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस एक सीट जीत सकती है और उसने वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे के नाम की घोषणा करके कई दिनों से चल रही अटकलों को विराम दे दिया है। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस देवगौड़ा का समर्थन करेगी।
आलाकमान के स्तर पर फैसला
देवगौड़ा के कांग्रेस के समर्थन से कर्नाटक से राज्यसभा चुनाव लडऩे पर संशय बना हुआ है। कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने शनिवार को आलाकमान के स्तर पर फैसला होने की बात कहते हुए इस संशय को और मजबूत कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक उम्मीदवार को उतारा है और अतिरिक्त वोट को लेकर आलाकमान के स्तर पर फैसला होगा।
देवगौड़ा के कांग्रेस के समर्थन से कर्नाटक से राज्यसभा चुनाव लडऩे पर संशय बना हुआ है। कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने शनिवार को आलाकमान के स्तर पर फैसला होने की बात कहते हुए इस संशय को और मजबूत कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक उम्मीदवार को उतारा है और अतिरिक्त वोट को लेकर आलाकमान के स्तर पर फैसला होगा।
डीके सुरेश कुमार ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस केवल एक ही उम्मीदवार उतार रही है। अतिरिक्त वोटों को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व का फैसला जो भी होगा, हम उसका पालन करेंगे। वहीं बताया जा रहा है कि कई उम्मीदवार होने के कारण भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। पार्टी दो सीटें जीत सकती है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख नौ जून है।
जद-एस को चाहिए दस वोट
विधानसभा में जद-एस के 34 सदस्य हैं। किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 44 वोट चाहिए। ऐसे में पार्टी अपने दम पर राज्यसभा की एक सीट नहीं जीत सकती और इसके लिए किसी उसे एक राष्ट्रीय दल के अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी।
विधानसभा में जद-एस के 34 सदस्य हैं। किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 44 वोट चाहिए। ऐसे में पार्टी अपने दम पर राज्यसभा की एक सीट नहीं जीत सकती और इसके लिए किसी उसे एक राष्ट्रीय दल के अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी।
इस हाथ दे उस हाथ ले
ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि देवगौड़ा के नाम की घोषणा होती है तो कांग्रेस अपने अतिरिक्त वोट से उनका समर्थन कर सकती है। बदले में जद-एस आगामी दिनों में विधानपरिषद के चुनावों के दौरान कांग्रेस की मदद करेगी ।
ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि देवगौड़ा के नाम की घोषणा होती है तो कांग्रेस अपने अतिरिक्त वोट से उनका समर्थन कर सकती है। बदले में जद-एस आगामी दिनों में विधानपरिषद के चुनावों के दौरान कांग्रेस की मदद करेगी ।
बता दें कि देवगौड़ा जीत गए तो वह दूसरी बार राज्यसभा पहुंचेंगे। पहली बार वह 1996 में राज्यसभा गए थे, तब वह प्रधानमंत्री थे।