जहां बल्लारी और मंड्या लोकसभा क्षेत्र गठबंधन के खाते में आया, वहीं जमखंडी और रामनगर विधानसभा क्षेत्र में फिर से जीत दर्ज की। भाजपा सिर्फ शिवमोग्गा सीट जीतकर रह गई। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उपचुनाव लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल था और जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे राज्य में जद-एस-कांग्रेस गठबंधन स्वीकार्य है जबकि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में है।
उन्होंने कहा कि जनता का स्पष्ट संदेश है कि वह गठबंधन के पक्ष में है और निश्चित तौर पर यह गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनावों में जारी रहेगा। यह उपचुनाव इसलिए काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें गठबंधन की परीक्षा होने वाली थी।
राज्य की जनता ने न सिर्फ गठबंधन बल्कि गठबंधन की नीतियों और कार्यक्रमों के पक्ष में स्पष्ट फैसला दिया है। यह चुनाव परिणाम भाजपा के लिए चिंता का विषय है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनावों में 224 में से 104 सीटें जीतकर वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येड्डियूरप्पा ने जनता का फैसला स्वीकार करते कहा कि अगर बल्लारी और जमखंडी में जीत मिली होती तो पार्टी को संतोष होता। उन्हें विश्वास था कि शिवमोग्गा में बड़े अंतर से जीत मिलेगी लेकिन पैसे और ताकत का बोलबाला था फिर भी पार्टी ने जीत गई। सच्चाई यह है कि कांग्रेस और जदएस गठबंधन ने सत्ता का दुरुपयोग किया।
लेकिन, भाजपा इस हार के बाद चुप नहीं बैठेगी। वास्तव में पार्टी ने एक मात्र बल्लारी सीट खोयी है लेकिन आत्मावलोकन करेंगे और 2019 लोकसभा चुनावों में बेहतर तैयारी के साथ उतरेंगे। येड्डियूरप्पा ने स्वीकार किया कि बल्लारी की हार पार्टी के लिए झटका है।
येड्डियूरप्पा ने कहा कि वे संबंधित क्षेत्र के नेताओं के साथ चर्चा कर हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता एस सुरेश कुमार ने कहा कि पार्टी को आत्मावलोकन करना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहते हैं कि उपचुनावों में भाजपा की हार का सिलसिला जारी है वहीं कांग्रेस लगातार जीत दर्ज कर रही है। भाजपा जयनगर और राजराजेश्वरी नगर में शिकस्त खाई।
इसके बाद विधान परिषद के लिए हुए चुनावों में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की। स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहे और पार्टी ने सर्वाधिक सीटें अपने नाम की। उन्होंने कहा कि भाजपा को बुरी तरह हराया है।
मुख्यमंत्री एचडी कुमास्वामी ने कहा कि भले ही भाजपा ने शिवमोग्गा सीट जीत ली है लेकिन नैतिक विजय उनकी हुई है। येड्डियूरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र ने कुल 5.43 लाख वोट हासिल किए जबकि जद-एस को 4.91 लाख मत मिले।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने मधु बंगरप्पा को तब उम्मीदवार चुना जब वह विदेश में थे। फिर भी उनका प्रदर्शन जैसा रहा है वह भाजपा के लिए एक तरह से हार है। यानी मधु बंगरप्पा विदेश में थे।
दरअसल, येड्डियूरप्पा भी यह स्वीकार करते हैं कि भाजपा ने इस तरह हार की उम्मीद नहीं की थी जिस तरह बल्लारी और जमखंडी में पार्टी को शिकस्त मिली। बल्लारी में कांग्रेस उम्मीदवार वीएस उग्रप्पा ने 6 .28 लाख मत हासिल किए और 2.43 लाख मतों से जीत दर्ज की जिसे राजनीतिक विश्लेषक अप्रत्याशित बता रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार और बी.श्रीरामुलु की बहन जे.शांता की यहां ऐसी हार होगी, यह किसी ने सोचा तक नहीं था। कड़ी टक्कर की बात जरूर कही जा रही थी परंतु कांग्रेस ने भाजपा के एक मजबूत गढ़ को फतह कर लिया।
श्रीरामुलु ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि वे इस पराजय की जिम्मेदारी लेते हैं। वेणुगोपाल कहते हैं कि बल्लारी में भारी जीत के साथ ही कांग्रेस ने अपने पुराने गढ़ पर फिर से कब्जा कर लिया है।
भाजपा को जमखंडी में भी भारी निराशा हाथ लगी। दरअसल, मई 2018 के विधानभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार श्रीकांत कुलकर्णी संकीर्ण अंतर से चुनाव हारे थे। उन्हें कांग्रेस के सिद्धू न्यामगौड़ा ने महज 2795 मतों से पराजित किया था। सड़क दुर्घटना में न्यामगौड़ा के मारे जाने के बाद कांग्रेस ने उनके बेटे आनंद न्यामगौड़ा को कुलकर्णी के खिलाफ उतारा और अब जीत का अंतर बढ़कर 39 हजार 8 40 वोट हो गए।
इसका साफ मतलब है कि भाजपा ने मई विधानसभा चुनावों के बाद महज 6 महीने से कम समय के अंतर जमखंडी में अपनी जमीन गंवा दी।
सिद्धू का दावा, जीतेंगे 20 लोस सीटें
कांग्रेस विधायक दल के नेता व पूर्व मख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम इस बात के प्रमाण हैं कि जनता भाजपा को नकार रही और राज्य में गठबंधन सरकार के कामकाज से संतुष्ट है। सिद्धरामय्या ने दावा किया अगले आम चुनाव में पार्टी राज्य की 28 में से 20 सीटों पर जीतेगी।