scriptअधिकतम मातृत्व मृत्यु दर की सूची में देश में 11वें स्थान पर कर्नाटक | with MMR as 92, Karnataka stands at 11th position in India | Patrika News
बैंगलोर

अधिकतम मातृत्व मृत्यु दर की सूची में देश में 11वें स्थान पर कर्नाटक

– मातृ मृत्यु दर दुनिया के सभी देशों में प्रसव के पूर्व या उसके दौरान या बाद में माताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के प्रयासों के लिए एक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक है।

बैंगलोरJul 17, 2020 / 01:05 pm

Nikhil Kumar

अधिकतम मातृत्व मृत्यु दर की सूची में देश में 11वें स्थान पर कर्नाटक

अधिकतम मातृत्व मृत्यु दर की सूची में देश में 11वें स्थान पर कर्नाटक

बेंगलूरु.

भारत के रजिस्ट्रार जनरल ने मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) पर गुरुवार को वर्ष 2016-18 के आंकड़े जारी किए। एमएमआर यानी प्रति एक लाख जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु की संख्या को इंगित करने वाले नवीनतम सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसएसआर) डेटा के मुताबिक अधिकतम एमएमआर 92 (Karnataka’s Maternal Mortality Ratio stands at 92) के साथ कर्नाटक देश में 11वें स्थान पर है। जो कि राष्ट्रीय औसत 113 से 21 कम हैं। वर्ष 2014-16 के रिपोर्ट में कर्नाटक में एमएमआर 108 था। यानी इसके अगले दो वर्षों में एमएमआर में 17 की कमी आई है। इसके बावजूद दक्षिण भारतीय राज्यों में कर्नाटक पहले स्थान पर है।

देश में अधिकतम एमएमआर (MMR) के मामले में पहले स्थान पर असम, दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश, तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश, चौथे स्थान पर राजस्थान और पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ है जबकि केरल और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य हैं जहां एमएमआर सबसे कम है।

हर समय उपलब्ध हों स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और अनेस्थेटिस्ट

प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजकुमार एन. ने बताया कि जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और आयुष्मान भारत आरोग्य कर्नाटक आदि योजनाओं के कारण एमएमआर में कमी आई है। लेकिन दक्षिण भारतीय राज्यों में कर्नाटक अब भी पहले स्थान पर है। एमएमआर और कम करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग कार्यरत है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि सुनिश्चित कर रहे हैं कि सरकारी अस्पतालों में हर समय स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और अनेस्थेटिस्ट उपलब्ध रहें। फिलहाल कई विशेषज्ञ अन्य सेवाओं में भी व्यस्त हैं जो उनकी विशेषता से संबंधित नहीं है। कई विशेषज्ञ ट्रॉमा और आपातकालीन विभागों में भी तैनात हैं। चौबीस घंटे ड्यूटी के बाद वे अगले दिन उपलब्ध नहीं होते हैं। जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं। तालुक अस्पतालों में जब ऐसी स्थिति आती है तो मरीज को दूसरे बड़े अस्पताल भेजा जाता है और त्वरित उपचार सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।

एक लाख से ज्यादा जच्चा – बच्चा लाभान्वित, 180 चिकित्सकों को प्रशिक्षण

डॉ. राजकुमार ने बताया कि तीन वर्षीय मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम के तहत दक्षिणी राज्यों के एक लाख से ज्यादा जच्चा – बच्चा लाभान्वित हुए हैं। 180 चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय संस्थान, प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान और सिंग हेल्थ ने संयुक्त रूप से यह कार्यक्रम शुरू किया था। उद्देश्य था शिशु व मातृ मृत्यु दर को कम करना। बेंगलूरु, बेलगावी, मैसूरु और शिवमोग्गा सहित प्रदेश के 26 जिलों में सिंगापुर जनरल अस्पताल के चिकित्सकों ने इस दौरान भारतीय चिकित्सकों के साथ काम किया।

उन्होंने कहा कि प्रसूताओं और नवजातों के लिए मजबूत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली संपूर्ण स्वास्थ्य और समाज के ठीक होने का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं और शिशुओं को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में काफी मदद मिली।

निजी अस्पतालों में भी गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुनिश्चित करने की जरूरत

फेडेरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकॉलोजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की डॉ. हेमा दिवाकर के अनुसार कुछ वर्षों से कर्नाटक में एमएमआर ज्यादा रही है। निजी अस्पतालों में भी गुणवत्ता देखभाल सुनिश्चित करने की जरूरत है क्योंकि 60 फीसदी से ज्यादा प्रसव निजी क्षेत्र के अस्पतालों में होते हैं।

– मातृ मृत्यु दर दुनिया के सभी देशों में प्रसव के पूर्व या उसके दौरान या बाद में माताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के प्रयासों के लिए एक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक है।

– विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एमएमआर गर्भावस्था या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से (आकस्मिक या अप्रत्याशित कारणों को छोड़कर) प्रति लाख जीवित जन्मों में मातृ मृत्यु की वार्षिक संख्या है।

राज्य एमएमआर

असम – 215
उत्तर प्रदेश – 197
मध्यप्रदेश – 173
राजस्थान – 164
छत्तीसगढ़ – 159
ओडिशा – 150
बिहार – 149
पंजाब – 129
उत्तराखंड – 099
पश्चिम बंगाल – 098
कर्नाटक – 092
हरियाणा – 091
गुजरात – 075
झारखंड – 071
आंध्र प्रदेश – 065
तेलंगाना – 063
तमिलनाडु – 060
महाराष्ट्र – 046
केरल – 043

Home / Bangalore / अधिकतम मातृत्व मृत्यु दर की सूची में देश में 11वें स्थान पर कर्नाटक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो