विशेष दर पर साडिय़ों की बिक्री की खबर मैसूरु और आसपास के इलाकों में जंगल की आग की तरह फैली है जिसका परिणाम रहा कि मंगलवार सुबह ६ बजे से ही सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं दुकान के बाहर कतारबद्ध हो गईं। हालांकि इस योजना के तहत मात्र १५०० साडिय़ां बेची जानी है लेकिन खरीदारों की संख्या हजारों में है। हर कोई विशेष छूट वाली साडिय़ां खरीदने की चाहत लिए घंटों शोरूम के बाहर धूप में भी खड़ी रहीं।
आधार से पंजीयन, लॉटरी से बिक्री
केएसआइसी को पहले से ही अंदाजा था कि विशेष छूट वाली साडिय़ों को खरीदने के लिए हजारों महिलाएं आ सकती हैं और यह संभावना सच साबित हुई। केएसआसी ने भीड़ को नियंत्रित करने और बिक्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी कतारबद्ध खरीदारों का पंजीयन उनके आधार नम्बर पर किया। बाद में लकी ड्रॉ के आधार पर लॉटरी के जरिए नाम निकाले गए और जिन भाग्यशाली लोगों की किस्मत ने साथ दिया, उन्हें गौरी-गणेश पर साड़ी रूपी समृद्धि हाथ लगी। प्रत्येक विजेता को सिर्फ एक साड़ी बेची गई। हालांकि, घंटों इंतजार के बाद भी जिनकी नसीब ने साथ नहीं दिया, उनका कहना था कि बिक्री के लिए पहले आओ-पहले पाओ की प्रक्रिया अपनानी थी न कि लॉटरी।
एक किलोमीटर से लम्बी की कतार
लकी ड्रा के जरिए किस्मत वालों को साड़ी नसीब होने के बाद भी खरीदारों का जज्बा पूरे दिन देखा गया। इंदिरानगर के मुख्य बाजार स्थित शोरूम तक पहुंचने के लिए खरीदारों की कतार एक किलोमीटर से लम्बी हो गई। किसी प्रकार की अफरा-तफरी न मचे इस कारण भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा। व्यस्ततम सडक़ पर यातायात नियंत्रण करने के लिए यातायात पुलिस को भी घंटों पसीना बहाना पड़ा।
वरमहालक्ष्मी पर होनी थी बिक्री
राज्य के रेशम एवं पर्यटन मंत्री सा.रा. महेश ने वादा किया था कि वरमहालक्ष्मी पर मात्र ४५०० रुपए में मैसूरु सिल्क साडिय़ां बेची जाएंगी। हालंाकि ३१ अगस्त को होने वाले शहरी निकाय चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने की वजह से वरमहालक्ष्मी पर यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। बाद में इसे गौरी-गणेश उत्सव पर बेचने का निर्णय लिया गया।