उन्होंने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी ने प्रदेश के साथ विश्वासघात किया है। बाढ़ से प्रभावित लोगों की समस्याओं को हल नहीं किया और येड्डियूरप्पा ने ५० हजार करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की सार्वजनिक तौर पर मांग भी लेकिन पीएम ने कुछ नहीं दिया।
सिद्धरामय्या ने आरोप लगाया कि मोदी को कर्नाटक से एलर्जी है। बाढ़ प्रभावित लोगों से हमदर्दी तक नहीं जताई। छोटी-छोटी बातों पर ट्वीट करने वाले मोदी ने राज्य में बाढ़ के लिए एक शब्द भी नहीं लिखा। विपक्ष के नाते हमने मिलने की कोशिश की, लेकिन समय नहीं दिया। मोदी सभी नागरिकों और राजनीतिक दलों के लिए प्रधानमंत्री हैं। प्रदेश के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। येडियूरप्पा केन्द्र से पर्याप्त वित्तीय मदद पाने में विफल रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कई मंचों पर एक साथ बैठने के बावजूद दोनों ने राज्य के विकास पर आपस में कोई बात नहीं की। मोदी ने येडियूरप्पा को राजभवन में भेंंट करने का मौका भी नहीं दिया। इससे स्पष्ट है कि मोदी को येडियूरप्पा के नाम से ही चिड़ है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने कहा था कि केन्द्र और प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार हो तो सभी समस्याओं का समाधान होता है, लेकिन अब भी प्रदेश को कुछ नहीं मिल रहा है।
येडि सरकार को बदनाम करने की कोशिश
सिद्धरामय्या ने कहा कि मोदी के रवैये से स्पष्ट है कि येडियूरप्पा सरकार को बदमान करने का षड्यंत्र उनकी ही पार्टी नेताओं की ओर से रचा जा रहा है। येडि विरोधी दल उन्हें सीएम पद से हटाने का प्रयास कर रहा है। येडि को हर विषय में केन्द्र सरकार से अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। सीमा विवाद, जल विवाद, प्रदेश की ज्वलंत समस्याओं और अन्य विषय में मोदी येडि की अनदेखी करने लगे हैं।
सिर्फ अच्छा भाषण देना जानते हैं मोदी
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर गिरी है। इस कारण मोदी प्रदेश को अनुदान नहीं दे रहे हैं। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जिम्मेदारी निभाने में कामयाब नहीं हैं। बैंक घाटे में हैं। लोगों को बैंकों से ऋण नहीं मिल रहा। उद्योग बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है। महंगाई बढ़ रही है। अब जनता मोदी से सवाल करने लगी है कि अच्छे दिन कब आएंगे। मोदी को अच्छा भाषण देने और लोगों को गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं आता।