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बैंगलोर

युवा विज्ञानी कार्यक्रम: अंतरिक्ष युद्ध की संभावना नहीं: के. शिवन

युवा विज्ञानी कार्यक्रम ‘युविका’ के तहत शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.शिवन ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में युवा छात्रों के साथ संवाद किया।

बैंगलोरMay 19, 2019 / 12:35 am

शंकर शर्मा

युवा विज्ञानी कार्यक्रम: अंतरिक्ष युद्ध की संभावना नहीं: के. शिवन

युवा विज्ञानी कार्यक्रम: अंतरिक्ष युद्ध की संभावना नहीं: के. शिवन

बेंगलूरु. युवा विज्ञानी कार्यक्रम ‘युविका’ के तहत शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.शिवन ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में युवा छात्रों के साथ संवाद किया। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से तीन-तीन छात्र चुनकर आए हैं। कुल 110 छात्र इस कार्यक्रम से लाभान्वित हो रहे हैं।


संवाद कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने वैश्विक परिदृश्य और इसरो के वर्तमान और भविष्य के कार्यक्रमों पर सवाल किए। शिवन ने हर सवाल का विस्तार से और हर पहलू पर गौर करते हुए सरल शब्दों में जवाब दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि जिज्ञासू बने रहें और सवाल करें। अगर वे अर्थपूर्ण सवाल पूछते हैं और उनका तार्किक समाधान भी दे सकते हैं तो वे एक सफल इंजीनियर अथवा वैज्ञानिक बन सकते हैं।


सुरक्षा, बचाव अथवा गुणवत्तापूर्ण जीवन यह सब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की देन है। यह तकनीक यहां या कहीं और विकसित हुई और आज दैनिक जीवन में हर आदमी के काम आ रही है। इसरो अध्यक्ष से छात्रों से अंतरिक्ष युद्ध की संभावना और आने वाले दशकों में इसरो की योजनाओं आदि पर भी सवाल पूछे।

अंतरिक्ष युद्ध के सवाल पर उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष किसी एक देशका नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक अंतरिक्ष युद्ध की कोई संभावना नहीं है। देश केवल खुद की रक्षा प्रणाली तैयार कर रहे हैं ताकि स्वंय को बचा सकें। उन्होंने इसरो की खूबियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यहां योजना बद्ध तरीके से और पारदर्शिता के साथ टीम वर्क होता है जबकि समीक्षा प्रणाली भी काफी अनूठी है।

यहां कॉलेज से आया हुआ नया सदस्य भी इसरो अध्यक्ष से सवाल पूछ सकता है। आइआइटी की ओर से कराए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसरो पर एक रुपए खर्च होता है तो उसका दस गुणा आय होती है। इस दौरान साउंडिंग रॉकेट का प्रक्षेपण हुआ जिसे देखने का मौका छात्रों को मिला।

लांच देखने के लिए पंजीकरण शुरू
उधर, इसरो ने कहा है कि पीएसएलवी सी-46 / रिसैट-2बी मिशन के लांच के समय श्रीहरिकोटा में आम लोगों को प्रक्षेपण देखने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। यहां आकर कोई भी दर्शक दीर्घा से लांच देख सकता है। ‘रिसैट-2बी’ का प्रक्षेपण पीएसएलवी सी-46 से 22 मई की सुबह 5.27 बजे किया जाएगा।

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